डॉ. राकेश राणामनोरम और प्राकृतिक के साथ-साथ जो साफ और स्वच्छ हो वही सबसे सुन्दर लगता है। भारतीय पर्यटक जब स्विट्जरलैण्ड को निहारकर वापस लौटते हैं तो चर्चा करते नहीं थकते हैं। यदि कोई उनसे पूछे कि हमारा कश्मीर, हिमाचल और लद्दाख कैसे हैं? तो अक्सर जवाब यही होता है कि स्विट्जरलैण्ड जैसे ही हैं। यानि कम नहीं हैं। कहीं-कहीं तो उससे भी ज्यादा सुन्दर है हमारा हिमालय। अगर यह सच भी है कि स्विटजरलैण्ड बहुत सुन्दर है, तो एक सवाल यह रह जाता है कि क्या सुन्दर होने के…
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साध्वी प्रज्ञा से परहेज क्यों है?
डॉ. नीलम महेन्द्रसाध्वी प्रज्ञा को भोपाल से भाजपा द्वारा अपना उम्मीदवार घोषित करते ही देश में राजनीतिक भूचाल आ जाता है। उसका कंपन कश्मीर तक महसूस किया जाता है। भाजपा के इस कदम के विरोध में देशभर से आवाजें उठने लगती हैं। यहां तक कि कश्मीर तक ही सीमित रहने वाले नेशनल कांन्फ्रेंस और पीडीपी जैसे दलों को भी भोपाल से साध्वी प्रज्ञा के चुनाव लड़ने पर ऐतराज है। इन सभी का कहना है कि उन पर एक आतंकी साजिश में शामिल होने का आरोप है। वे इस समय खराब…
Read Moreमशीनरी युग ने चीर दिया धरती का सीना
-रमेश ठाकुर- धरती का इंसानी जीवन से सीधा संबंध होता है। बिना धरती के मानव जीवन संभव नहीं। लेकिन वर्तमान समय में इंसान पृथ्वी का ही सबसे बड़ा दुश्मन बन बैठा है। उसे मिटाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहा। शास्त्रों में कहा गया है कि प्रकृति को बचाने की जिम्मेदारी ईश्वर ने इंसान को सौंपी थी। लेकिन इंसान अपने स्वार्थ के कारण अपनी मानवता और अपने ग्रह का ध्यान रखना ही भूल गया है। धरती जिसने हमें जीवन दिया, आज हम उसी धरती के संसाधनों का निर्दयतापूर्वक दोहन…
Read Moreहाईटेक दुनिया में विश्व पृथ्वी दिवस के मायने
-योगेश कुमार सोनी- हर वर्ष पूरी दुनिया में 22 अप्रैल विश्व पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया जाता है। पर्यावरण को बचाने के उद्देश्य से इस दिवस की स्थापना सन 1970 में सीनेटर जेराल्ड नेल्सन द्वारा पर्यावरण शिक्षा के रूप में की गयी थी। इस दिन संकल्प लिया गया कि पृथ्वी को नष्ट होने से बचाया जायेगा और कोई ऐसा काम नहीं किया जायेगा जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचे। अमेरिका में पृथ्वी दिवस को वृक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका मकसद धरा को हरा-भरा रखने से है।…
Read Moreझूठी खबरों से देश खतरें की ओर
-योगेश कुमार सोनी- हमारे देश की एक अदभूत विडंबना है कि बहकावे में जल्दी आ जाते हैं जिसका प्रमाणिकता विश्व के सबसे विश्वसनीय रिचर्स सेंटर ने दी है। सोशल मीडिया मैटर्स द्वारा ऑनलाइन सर्वे के अनुसार लोकसभा चुनाव 2019 फेक न्यूज से प्रभावित होगा। फर्जी खबरों व गलत सूचनाओं के इफेक्ट को जानने के लिए यह सर्वे किया गया है। मीडिया मैटर्स के मुताबिक 54 प्रतिशत सैंपल जनसंख्या में बातचीत करने वाले वर्ग की आयु 18 से 25 वर्ष है वहीं 56 प्रतिशत पुरुषों, 43 प्रतिशत महिलाओं और 1 प्रतिशत…
Read Moreनेहरू ने कितना परेशान किया मोदीजी को!
-राम पुनियानी- भाजपा ने हाल में लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया। सरसरी निगाह से देखने पर ही इस दस्तावेज के बारे में दो बातें बहुत स्पष्ट तौर पर उभर कर आतीं हैं। पहली, इसमें इस बात का कोई विवरण नहीं दिया गया है कि पिछले घोषणापत्र में किए गए कितने वायदों को वर्तमान सरकार पूरा कर सकी है। दूसरी, इसमें अति-राष्ट्रवाद की काफी शक्तिशाली डोज लोगों को पिलाने का प्रयास किया गया है। अपने सार्वजनिक भाषणों में भाजपा के शीर्ष नेता, उनकी सरकार की असफलताओं के लिए…
Read Moreचुनाव सुधार को नया सूरज बनाने की करनी होगी नई पहल
-ललित गर्ग- ऐसा नहीं है कि अब तक चुनाव सुधार को लेकर कोई प्रयास नहीं हुआ है। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का चुनाव निष्पक्ष एवं शान्तिपूर्वक संचालित करने में तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त टी.एन. शेषन ने उल्लेखनीय भूमिका निभायी है और उसके बाद भी यह प्रक्रिया जारी है। लोकसभा चुनाव 2019 की सरगर्मियां उग्र से उग्र होती जा रही है, राष्ट्र में आज ईमानदारी एवं निष्पक्षता हर क्षेत्र में अपेक्षित है, पर चूँकि अनेक गलत बातों की जड़ चुनाव है इसलिए वहां इसकी शुरूआत इस समय सर्वाधिक अपेक्षित है।…
Read Moreदेश का नेता कैसा हो?
-निर्मल रानी- लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। तरह-तरह की तथाकथित ‘विचारधाराएंÓ तथा भांति-भांति के वेश धारण किए हुए कथित राजनेता जनता जनार्दन के मध्य वोटों की भीख मांगने की खातिर निकल पड़े हैं। देश के मतदाताओं को बड़े ही नाटकीय ढंग से इन अभिनेता रूपी नेताओं द्वारा एक बार फिर यही समझाने की कोशिश की जा रही है कि जनकल्याण व जनसरोकार से संबंधित वादे तथा आश्वासन हैं क्या? बड़े आश्चर्य की बात है कि लगभग प्रत्येक आम चुनावों के दौरान देश के भाग्य विधाता अर्थात् मतदाता…
Read Moreट्रंप-किम की बेनतीजा मुलाकातें से विश्व खतरे की ओर…
-योगेश कुमार सोनी- विगत दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोलानड ट्रंप की ओर से लगातार समझाने व मनाने के बाद भी किम जोन की ओर से किसी भी प्रकार की सकारात्मक प्रतिक्रिया नही आ रही। हनोई में हुई किम-ट्रंप की शिखर वार्ता के बाद अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियारों का मोह नहीं छोड़ता है तो वह आर्थिक रूप से पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा। परमाणु हथियारों को खत्मय करने के अलावा उसके पास और दूसरा कोई विकल्प नहीं है। यह मुलाकात भी बेनतीजा…
Read Moreचौकीदारो! एक नज़र गौवंश पर भी…
-निर्मल रानी- लोकसभा चुनावों का रण प्रारंभ हो चुका है। अनेक राजनैतिक दल मतदाताओं के मध्य तरह-तरह के वादों व आश्वासनों के साथ संपर्क साध रहे हैं। ऐतिहासिक रूप से इस चुनाव में पूरा चुनावी विमर्श जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों से हटकर पूरी तरह से भावनाओं, राष्ट्रवाद, धर्म-जाति तथा भारत-पाकिस्तान जैसे विषयों की ओर मोडऩे की कोशिश की जा रही है। दूसरी ओर विपक्षी दल बेरोज़गारी, मंहगाई, नोटबंदी, सांप्रदायिकता, जातिवाद तथा भ्रष्टाचार जैसे विषय लेकर जनता के बीच जा रहे हैं। परंतु इस बार के चुनावों में गौवंश या गौरक्षा…
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