प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को यहां विज्ञान भवन में आयोजित कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी इंडिया 2019 की कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि आज भारत के हर कदम पर दुनिया की नजर है और वह जो भी करता है विश्व समुदाय उसको ध्यान से देखता समझता है।
उन्होंने कहा कि देश में हाउसिंग सेक्टर में सरकार पहले ही साढ़े चार साल में एक करोड़ 30 लाख घरों का निर्माण कर चुकी है, जबकि पिछले सरकार ने अपने कार्यकाल में केवल 25 लाख घर ही बनाए थे। उन्होंने कहा कि फंडिंग के साथ-साथ भारत के इतिहास में पहली बार हाउसिंग सेक्टर को, रियल एस्टेट सेक्टर को स्पष्ट कानूनों का सहारा मिल सके, इसके लिए भी काम किया गया है। रियल एस्टेट विनियमन और विकास अधिनियम (रेरा) से इस सेक्टर में पारदर्शिता आई है और ग्राहकों का भरोसा मजबूत हुआ है।
मोदी ने कहा कि देश के युवा साथियों के अपने घर का सपना पूरा करने के लिए टेक्नॉलॉजी के साथ हम दूसरी व्यवस्थाओं को भी बदल रहे हैं। टैक्स से जुड़े नियमों में बदलाव कर रहे हैं। ये इसलिए किया जा रहा है ताकि मध्यम वर्ग के पास एक तो घर खरीदने के लिए ज्यादा पैसा बचे और घर की कीमतें भी कम हों।
उन्होंने कहा कि पांच लाख रुपये तक की आय पर टैक्स शून्य कर दिया गया है। अब दो घरों के अनुमानित किराये पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। इसी तरह कैपिटल गेंस टैक्स से छूट अब एक के बजाय दो घरों पर मिलने वाली है, ये तमाम प्रयास मध्यम वर्ग को नए घर घरीदने के लिए प्रोत्साहित करने वाले हैं।
प्रधानमंत्री ने जीएसटी पर कहा कि हाल में ही कंस्ट्रक्शन सेक्टर पर जीएसटी को बहुत कम किया गया है। अफॉर्डेबल हाउसिंग पर जीएसटी आठ प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत किया गया है। अंडर कंस्ट्रक्शन हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया गया।
उन्होंने कहा कि भारत में कंस्ट्रक्शन की अप्रोच में हमने एक और बदलाव किया है। अब चाहे सड़कें हों, रेजिडेंशियल अपार्टमेंट्स हों या फिर कमर्शियल बिल्डिंग्स, इको फ्रेंडली, डिजास्टर रिसाईलेंट और एनर्जी एफिसिएंसी निर्माण को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आशा इंडिया यानी अफोर्डेबल सस्टेनेबल हाउसिंग एक्सीलेटर इस तरह के इनोवेशन्स को बाजार के हिसाब से ढालने में लगा है। आशा जीएचटीसी-इंडिया का हिस्सा है। इसमें आईआईटी में काम कर रहे चार इन्क्यूबेशन सेंटर पर युवा उद्यमियों के आइडिया को बाजार के हिसाब से उपयोगी बनाने पर काम चल रहा है।
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