नई संसद की ऐतिहासिक पहल ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम ‘

विजय केसरी 19 सितंबर का दिन सदा सदा के लिए एक ऐतिहासिक महत्व का दिन बन चुका है।  आज नई संसद में मोदी सरकार ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम प्रस्तुत किया। यह बिल बिना किसी रोक-टोक के सर्वसम्मति से पारित हो जाएगा।  देश की आजादी के बाद महिलाओं के आरक्षण पर विभिन्न राजनीतिक पार्टियां विचार जरूर करती रही है,लेकिन इस तरह का मसौदा पहली बार संसद में पेश हुआ है । नारी शक्ति वंदन अधिनियम के अस्तित्व में आ जाने के बाद वर्तमान में पार्लियामेंट में स्त्रियों की संख्या 82…

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ज्ञानवापी मंदिर क्या है, जानें इसका इतिहास

पुराणों के अनुसार, ज्ञानवापी की उत्पत्ति तब हुई थी जब धरती पर गंगा नहीं थी और इंसान पानी के लिए बूंद-बूंद तरसता था तब भगवान शिव ने स्वयं अपने अभिषेक के लिए त्रिशूल चलाकर जल निकाला। यही पर भगवान शिव ने माता पार्वती को ज्ञान दिया। इसीलिए, इसका नाम ज्ञानवापी पड़ा और जहां से जल निकला उसे ज्ञानवापी कुंड कहा गया। ज्ञानवापी का उल्लेख हिंदू धर्म के पुराणों मे मिलता है तो फिर ये मस्जिद के साथ नाम कैसे जुड़ गया? वापी का अर्थ होता है तालाब। ज्ञानवापी का सम्पूर्ण…

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नवनीत और हिन्दुत्व के प्रताप से उद्धव ठाकरे का सूफड़ा भी साफ हो सकता है

आचार्य श्री विष्णुगुप्त उद्धव ठाकरे और बाल ठाकरे में वास्तविक अंतर क्या है? बाल ठाकरे अपने विचारों में अटल थे, स्पष्टवादी थे और प्रखर भी थे। उनके लिए सत्ता महत्वपूर्ण थी, उनके लिए हिन्दुत्व ही महत्वपूर्ण था। हिन्दुत्व को लेकर वे कभी समझौता नहीं किये। सत्ता में बैठना उन्हें पंसद नहीं था। सत्ता में बैठने के अवसर आने पर भी उन्होंने जोशी और नारायण राणे को मुख्यमंत्री बनाया था। बाल ठाकरे चाहते तो कांग्रेस या शरद पावर के साथ समझौता कर शिव सैना की सरकार बनवा सकते थे। बाबारी मस्जिद…

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पुटलु की भी फ़िक्र कीजिए नेता जी…

कुमार कौशलेन्द्र पिछले दिनों मेरी मुलाकात झारखंड की सियासत में बवाल और तख्ता पलट का कारण बने हाट गम्हरिया-चाईबासा पथ पर एक बालक से हुई. मुश्किल से 5 साल का है बालक. चिथड़े से आधा-अधूरा ढका तन किन्तु आत्मविश्वास से लबरेज। हाट गम्हरिया-चाईबासा पथ पर आप भी मिल सकते हैं सरकार की घोषणाओं और व्यवस्था को मुंह चिढ़ाते नन्हें शिल्पकार से. इल्लीगढढा गांव का वह नन्हा सा विश्वकर्मा रेलवे फाटक के पास आपको भी मिल जायेगा. उस सरीखे अन्य भी मिलेंगे। स्वाभाविक है आप सोच रहे होंगे कि ये बालक…

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एक्सप्रेस-वे पर सफर और भी ज्यादा होगा रोमांचक क्यों की अब वहां लैंड करेगा लड़ाकू विमान राफेल

लेखक : सच्चिदानंद शेकटकर देश में नवनिर्मित हो रहे एक्सप्रेस-वे अब बहुउपयोगी साबित होंगे। अब ये एक्सप्रेस-वे देश की सुरक्षा व्यवस्था से भी जुड़ने जा रहे हैं। जिन पर सेना के लड़ाकू विमान भी उतरा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों देश के सबसे लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण किया जा रहा है। लखनऊ-गाजीपुर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर लड़ाकू विमान राफेल का अभ्यास होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण होने के साथ ही एक्सप्रेस-वे पर बने रन-वे पर भारतीय वायु सेना के लडाकू विमान एयर-शो के जरिए…

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Ranchi : पत्रकारिता में आदर्श और मूल्यों को कायम रखना मीडिया कर्मियों की प्राथमिकता : डॉ एमपी सिंह

Jharkhand : अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है जिसमें पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है और पत्रकार लोकतंत्र के सजग प्रहरी होते हैं राष्ट्र की उन्नति हेतु आप सभी के प्रयासों को कोटि-कोटि नमन। Bollywood : फिल्म ‘पृथ्वीराज’ का शानदार टीजर जारी, जल्द ही सिनेमाघरों में दस्तक डॉ एमपी सिंह ने बताया कि भारत में 4 जुलाई 1966 को…

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फैस्टिव सीजन के आगमन से पहले मास्क और सामाजिक दूरी की हिदायतों की अनदेखी : सर्वेक्षण

सर्वे में देश के 366 जिलों के कम से कम 65 हजार लोगों की प्रतिक्रियाएं ली गई… नई दिल्ली। फैस्टिव सीजन के आगमन से पहले ही देश में मास्क और सामाजिक दूरी की हिदायतों की अनदेखी शुरू हो गई है। कोविड-19 के लिए मास्क लगाने एवं सामाजिक दूरी के अनुपालन की हिदायतें निष्प्रभावी होने लगी हैं, क्योंकि एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि केवल 13 फीसदी लोगों ने अपने क्षेत्र और जिले में मास्क पहनने की सलाह पर अमल को प्रभावी करार दिया, जबकि महज छह प्रतिशत लोगों ने…

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एकात्म मानववाद को केंद्र में रखकर हो सकता है देश का सर्वांगीण विकास…

पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक दार्शनिक, समाजशास्त्री, अर्थशास्त्री एवं राजनीतिज्ञ थे। उनके द्वारा प्रस्तुत दर्शन को ‘एकात्म मानववाद’ कहा जाता है। जिसका उद्देश्य एक ऐसा ‘स्वदेशी सामाजिक-आर्थिक मॉडल’ प्रस्तुत करना था जिसमें विकास के केंद्र में मानव हो, संपूर्ण राष्ट्र हो। भारत को देश से बहुत अधिक आगे बढ़कर एक राष्ट्र के रूप में और इसके निवासियों को नागरिक नहीं अपितु परिवार सदस्य के रूप में मानने के विस्तृत दृष्टिकोण का अर्थ है एकात्म मानववाद। मानवीयता के उत्कर्ष की स्थापना यदि किसी राजनैतिक सिद्धांत में हो पाई है तो वह है…

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झारखंड के अमर वीर सेनानी ‘धरती आबा’ बिरसा मुंडा

लेखक : चंदन मिश्र देश आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मना रहा है। सरकार ने इसे अमृत महोत्सव की संज्ञा दी है। यह अवसर है जब देश की आजादी के 75 साल पूरे होने की असली खुशी को हर नागरिक हृदयंगम करे। देश की वर्तमान पीढ़ी ने आजादी की लड़ाई तो देखी नहीं है, लेकिन आजादी दिलानेवाले देश के वीर सेनानियों के बारे में जरूर पढ़ा और सुना है। अपने देश के हर प्रांत में ऐसे कई वीर सपूत हुए हैं, जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना सर्वस्व न्योछावर कर…

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क्या तालिबान में अकेले इतनी ताकत थी कि वह देखते-देखते देश पर कब्जा कर लेता?

(लेखक-सिद्वार्थ शंकर) अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के बाद यह तो साबित हो गया है कि उसमें अकेले इतनी ताकत नहीं थी कि वह देखते-देखते देश पर कब्जा करने की सोचता। तालिबान की इस मंशा को पाकिस्तान ने हवा दी और आगे बढऩे का हौसला दिया। पाकिस्तान को लगता है कि अफगानिस्तान में तालिबान को काबिज कर वह भारत के खिलाफ अपनी लड़ाई में भारी पड़ सकता है। कुछ लोग इस राय से जुदा होंगे, लेकिन आज अफगानिस्तान के हालात पर पाकिस्तान में जिस तरह से खुशी जताई जा रही…

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