एकात्म मानववाद को केंद्र में रखकर हो सकता है देश का सर्वांगीण विकास…

पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक दार्शनिक, समाजशास्त्री, अर्थशास्त्री एवं राजनीतिज्ञ थे। उनके द्वारा प्रस्तुत दर्शन को ‘एकात्म मानववाद’ कहा जाता है। जिसका उद्देश्य एक ऐसा ‘स्वदेशी सामाजिक-आर्थिक मॉडल’ प्रस्तुत करना था जिसमें विकास के केंद्र में मानव हो, संपूर्ण राष्ट्र हो। भारत को देश से बहुत अधिक आगे बढ़कर एक राष्ट्र के रूप में और इसके निवासियों को नागरिक नहीं अपितु परिवार सदस्य के रूप में मानने के विस्तृत दृष्टिकोण का अर्थ है एकात्म मानववाद। मानवीयता के उत्कर्ष की स्थापना यदि किसी राजनैतिक सिद्धांत में हो पाई है तो वह है…

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Ranchi : पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सपनों को धरातल पर उतारने का कार्य कर रहे है मोदी : रघुवर दास

Ranchi : हमें गर्व है कि हम महान डॉ. हेडगेवार और दीनदयाल उपाध्याय जैसे प्रेरक महापुरुषों के अनुयायी हैं, जिन्होंने हमें देशभक्ति सिखायी, देश के लिए जीने मरने को प्रेरणा और मानवता के लिए समर्पण का भाव दिया है। 25 सितंबर आते ही पंडित दीनदयाल जी, जो हमारे प्रेरणास्त्रोत, मार्गदर्शक हैं, जिन्होंने स्वाधीन भारत की राजनीति को आदर्शवाद और सिद्धांत का अधिष्ठान देने का प्रयास किया, जो दल और वोट के राजनीतिक दलदल में कमलवत खिले, एकात्म मानव दर्शन के उद्गाता राजनीतिज्ञ और हमारे मार्गदर्शक रहे हैं, की स्मृति हमारे…

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