पेंशनर्स ने कहा, 10 मार्च तक सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो 15 मार्च से रेल रोको आंदोलन होगा

नई दिल्ली ।  कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस)-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति बैनर तले देशभर से आए पेंशनर्स ने बुधवार को पेंशन में बढ़ोतरी की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया।इस धरना-प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, केरल के अलावा अन्य राज्यों के ईपीएस-95 पेंशनर्स ने भाग लिया। प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में जाकर ज्ञापन भी सौंपा। ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक राउत ने कहा कि पूरे भारत में 186 इंडस्ट्रीज से संबंधित 65 लाख पेंशनर्स ने हर महीने 541 रुपये काटकर अपनी पेंशन के लिए फंड जमा किया है। वह फंड उनके बुढ़ापे में काम नहीं आ रहा है। इनमें बोर्ड, कॉरपोरेशन, कॉरपोरेट सेक्टर, चीनी मिल, प्राइवेट उद्योग और सरकारी उद्योग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार पीएम श्रम योगी मानधन योजना में 100 रुपये महीना देने वालों को 30 साल के बाद 3 हजार रुपये पेंशन देती है। हमने 541 रुपये औसतन 30 साल काम करके दिए हैं तो हमें उस हिसाब से तो पेंशन मिलनी ही चाहिए। सरकार के पास इन लोगों के 20 लाख रुपये पेंशन फंड में जमा हैं| इसके बावजूद सरकार उन्हें केवल 200 से 2500 रुपये की पेंशन दे रही है। इतने कम पैसे में महीनेभर गुजारा करना मुश्किल है। सरकार 40 लाख पेंशनर्स को 1500 रुपये महीने से भी कम पेंशन दे रही है।
अशोक राउत ने कहा कि हमने मुंडन आंदोलन, अर्ध नग्न आंदोलन, भिक्षा मांगों आंदोलन, ताला ठोको आंदोलन आदि बहुत से आंदोलन किए, लेकिन इसका केंद्र सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा। हमें हर बार झूठे आश्वासन दिए गए। उन्होंने कहा कि आज करीब 65 लाख पेंशनर्स में से 40 लाख लोगों को 1500 रुपये महीने से भी कम पेंशन मिल रही है। ईपीएस-95 के हर पेंशनधारक ने अपने पूरे सर्विस पीरियड में हर महीने पेंशन फंड में अंशदान दिया है। यह राशि कम से कम 15 से 20 लाख रुपये हो गई है।
उन्होंने कहा कि हमारी पेंशनधारकों की मांग है कि 2013 की कोशियारी समिति की सिफारिशों के अनुसार 7500 रुपये मासिक पेंशन, उस पर 5000 रुपये महंगाई भत्ते और सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार वास्तविक वेतन पर उच्चतम पेंशन की मांग कर रहे हैं। अगर केंद्र सरकार ने हमारी मांगें 10 मार्च तक नहीं मानी तो 15 मार्च से भारत के प्रमुख रेल मार्गों पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। रेल रोको आंदोलन उत्तर भारत में ग्वालियर, पूर्वी भारत में कोलकाता, पश्चिमी भारत में भुसावल और दक्षिणी भारत में बेंगलुरु में किया जाएगा।

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