सुबह की सैर के जरिए रखें शरीर का ध्यान

जीवन में हमेशा सुखी रहने के लिये मन को प्रसन्न रखना अति आवश्यक है और मन तभी प्रसन्न होता है जब स्वास्थ्य अच्छा हो। स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए पौष्टिक आहार की आवश्यकता होती है और श्रम की भी। मेहनत या श्रम से मनुष्य की शक्ति और स्वास्थ्य दोनों ही बढ़ते हैं। इसके लिये कोई कसरत तो कोई योगासन करता है या दौड़ लगाता है, लेकिन सबसे ज्यादा फायदा सुबह की सैर से होता है। इससे शरीर में नव-स्फूर्ति और नवजीवन का संचार होता है और इससे बड़ी ही आनंदायक अनुभूति प्राप्त होती है। प्रातःकाल चार या पांच बजे का भ्रमण विशेष आनंदायक होता है। प्रकृति के मनोरम दृश्यों के साथ ही मन प्रफुल्लित हो जाता है। प्रातः काल के भ्रमण से मन के विकार दूर हो जाते हैं जिसके कारण संध्या तक मन प्रसन्न रहता है। सुबह की भीनी-भीनी खुशबू लिये ठंडी हवा के सेवन से पाचन शक्ति भी बढ़ जाती है। आज की भागमभाग जिंदगी में लोग खुद को फिट रखने के लिये सुबह के समय कुछ मिनट भी नहीं दे पाते। व्यायाम का सबसे सुरक्षित तरीका है सैर। बहुत ज्यादा तेजी से सैर करने से चोट लगने का खतरा भी बढ़ जाता है। अगर आपने अभी-अभी सैर करना शुरू किया है, तो शुरुआत में तीव्रता और गति को कम रखें।

पंचामृत

1. सुबह के समय सैर करने से रात को अच्छी नींद आती है। कारण घूमने से शरीर में थकावट आती है और रात को सोते समय अच्छी नींद आती है। अगले दिन आप तरोताजा होकर समय से उठ जाते हैं।

2.सैर करने से चर्बी कम होती है और हार्ट अटैक का खतरा भी कम हो जाता है। शरीर में खून भी ठीक ढंग से दौड़ता है।

3.मधुमेह और रक्तचाप जैसी बीमारी भी कम हो जाती है। शरीर का वजन नियंत्रित रहता है।

4. यदि आप रोजाना सैर करेंगे दिमागी शक्ति भी बढ़ती है। क्योंकि सुबह की सैर दिमाग और शरीर को शक्ति प्रदान करती है। जब शरीर में खून ठीक से दौरा करता है तो दिमाग को आक्सीजन अच्छी मात्रा में मिलती है।

5. सैर करने से मांसपेशियों की क्षमता बढ़ती है। इसके अलावा कैंसर होने का खतरा भी कम रहता है।

साधारण सैर: पहले 5 मिनट के लिए धीमी गति से चलें, धीरे-धीरे अपनी गति को बढ़ाएं, यह व्यायाम को शुरू करने का सबसे अच्छा तरीका है।

साइड वे वॉक: पैर के किनारों की ओर दबाव बनाकर चलने से जांघों का व्यायाम होता है। इस हिस्से की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, साथ मेटाबॉलिज्म भी बेहतर तरीके से काम करता है।

पैर की अंगुलियों पर चलना: पैर की अंगुलियों पर चलने से टांगों की मांसपेशियों का व्यायाम होता है। इस हिस्से का फैट कम होता है तथा कैलोरीज बर्न होती है, जिससे टांगें की अच्छी शेप में आ जाती हैं। 8 की आकृति में चलने से हमारे उदर की पेशियों का व्यायाम होता है तथा इस हिस्से में फैट कम हो जाता है।

हाथों को हिलाते हुए चलनाः चलते समय कंधों के स्तर तक दोनों हाथों को एक-एक करके हिलाने से शरीर के ऊपरी हिस्से का व्यायाम होता है। शरीर को अच्छी शेप मिलती है तथा अतिरिक्त फैट कम हो जाता है।

तेजी से चलनाः इस तरह की सैर आपके हृदय के लिए सबसे अच्छा व्यायाम है। इसके लिए आप 100 से 500 मीटर की दूरी तय कीजिए तथा निर्धारित समय में चल कर इस दूरी को तय कीजिए। धीरे-धीरे दूरी को बढ़ाइए। इससे शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ती है। इस तरह का व्यायाम हृदय की फिटनेस एवं ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है।

रुक-रुक कर टहलनाः चलते समय बीच-बीच में रुकने से ठीक से सांस लेने का मौका मिलता है। शरीर के ऊपरी हिस्से की मांसपेशियां रिलैक्स हो जाती हैं तथा निचले हिस्से का बेहतर वर्कआउट होता है।

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