सेवा दायित्व कोष की मदद से ग्रामीण भारत में इंटरनेट सेवाओं के विस्तार को तेज करने का प्रस्ताव

नई दिल्ली। भारतनेट परियोजना के तहत ग्रामीण भारत में इंटरनेट कनेक्शन देने की रफ्तार बढ़ाई जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2019-20 का बजट पेश करते हुए कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में सार्वत्रिक सेवा दायित्व कोष (यूएसओएफ) की मदद से ग्रामीण भारत में अधिक तेजी से इंटरनेट कनेक्शन दिए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘ग्रामीण-शहरी डिजिटल भेद समाप्त करने के लिए, भारतनेट के तहत देश में प्रत्येक पंचायत में स्थानीय निकायों को इंटरनेट कनेक्टिविटी देने का लक्ष्य है।’’ सीतारमण ने कहा कि सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत यूएसओएफ के सहयोग से ग्रामीण भारत में इंटरनेट कनेक्शन देने का काम तेज किया जाएगा। सरकार का मार्च, 2020 तक देश की सभी ढाई लाख ग्राम पंचायतों को द्रुत गति का ब्रॉडबैंड कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। ताजा आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मई, 2019 के अंत तक यूएसओएफ में 50,554 करोड़ रुपये का कोष उपलब्ध था। भारतनेट के तहत 30 मई, 2019 तक 3,33,195 किलोमीटर आप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जा चुकी थी। इसके जरिये 1,28,118 ग्राम पंचायतों को जोड़ा जा चुका है। भारतनेट परियोजना पूरी तरह यूएसओएफ से वित्तपोषित है। वित्त मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत अभी तक दो करोड़ से अधिक ग्रामीण भारत के लोगों को डिजिटल रूप से साक्षर किया जा चुका है।

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