विधानसभा की 81 सीटों में से गठबंधन दलों में 36-25-15-5 का बंटवारा चाहती है झामुमो

नई दिल्ली। झारखंड में गठबंधन करने की जुगत में लगे विपक्षी दलों में लोकसभा के साथ विधानसभा के सीटों के बंटवारे को लेकर भी झाम है। राज्य की 82 में से 81 विधानसभा सीटों (एक सीट नामांकित सदस्य के लिए= 82 सीट) में से कौन विपक्षी पार्टी कितनी सीट पर चुनाव लड़ेगी इसको लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस व झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) में खींचतान चल रही है। सूत्रों का कहना है कि झामुमो 81 विधानसभा सीटों में से 36 सीट पर लड़ना चाहती है तथा कांग्रेस को 25, झाविमो को 15, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को 5 सीट देना चाहती है। उधर, कांग्रेस 45 सीट पर व झाविमो 20 सीट पर लड़ना चाहती है। जिस पर झामुमो नेता राजी नहीं हो रहे हैं। झामुमो नेताओं का मानना है कि कांग्रेस को अधिक सीटें देने से गठबंधन को नुकसान होगा। इसका सीधा लाभ भाजपा को मिलेगा। यदि कांग्रेस ने झामुमो के हेमंत सोरेन के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने की बात मान ली तब झरखंड विकास मोर्चा के बाबूलाल मरांडी इस गठबंधन में शामिल नहीं होंगे। ऐसी स्थिति में कांग्रेस, झामुमो, राजद व किसी छोटे वामपंथी दल का ही गठबंधन रह जाएगा। तब बाबूलाल मरांडी के झाविमो के लिए जो 15 सीटें दी जाने की बात चल रही है, उसको कांग्रेस, झाविमो व राजद आपस में बांट लेंगे। फिलहाल कांग्रेस की पूरी कोशिश झाविमो को भी गठबंधन में साथ रखने की है। लेकिन बाबूलाल किसी भी कीमत पर झामुमो के हेमंत सोरेन का नेतृत्व स्वीकार करने को राजी नहीं हो रहे हैं। वह कह रहे हैं कि विधानसभा चुनाव सभी मिलकर लड़ें, किसी को नेता घोषित नहीं करें। चुनाव के बाद नेता व नेतृत्व की बात होगी। उधर, झामुमो नेता हेमंत सोरेन चाहते हैं कि उनको नेता घोषित किया जाए। इसी शर्त के साथ वह लोकसभा सीटों के साथ ही विधानसभा सीटों के भी बंटवारे की बात कर रहे हैं। इधर कांग्रेस ने विधानसभा की 81 सीटों में से 45 सीटें मांगकर भी पेंच फंसा दिया है। वह राज्य में बड़ा भाई बनकर चुनाव लड़ना चाहती है, जो हेमंत सोरेन को मंजूर नहीं है। राज्य विधानसभा में झामुमो के 19 व कांग्रेस के 7 विधायक हैं। यह प्रमाण देकर भी झामुमो नेता कांग्रेस की मांग मानने को राजी नहीं हो रहे हैं। 

This post has already been read 7717 times!

Sharing this

Related posts