नई दिल्ली,। सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में किये गए संशोधनों को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता जयराम रमेश की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है । याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने इन संसोधन को मनी बिल के तौर पर पेश किया, ये संविधान का उल्लंघन है । इस तरह के संशोधन साधारण विधेयक का हिस्सा होने चाहिए।
गौरतलब है कि मनी बिल को सिर्फ लोकसभा में पेश किया जाता है, राज्यसभा इसमें संसोधन या इसे खारिज नहीं कर सकती है। राज्यसभा सिर्फ सुझाव दे सकती है, जिसे मानना या ना मानना लोकसभा पर निर्भर करता है। पिछले 28 फरवरी को दिल्ली हाई कोर्ट ने जयराम रमेश की याचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जयराम रमेश ने कहा था कि मनी लांड्रिंग एक्ट में संशोधन धन विधेयक की तरह नहीं किया जा सकता है। जयराम रमेश ने कहा था कि धन विधेयक की तरह मनी लांड्रिंग एक्ट में संशोधन संविधान के प्रावधानों के विपरीत है।
याचिका में कहा गया है कि इस सरकार के पहले ये संशोधन सामान्य विधेयक की तरह किया जाना था। जयराम रमेश की ओर से वरिष्ठ वकील पी चिदंबरम ने कहा था कि मनी लांड्रिंग एक्ट में संशोधन धन विधेयक की तरह नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह संविधान की धारा 110 का उल्लघंन करता है। इससे राज्यसभा को दरकिनार कर संविधान की मूल भावना से छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई है।
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