मोदी सरकार ने आखिरी कैबिनेट बैठक में खारिज किया 13 प्वाइंट रोस्टर, जानें कौन-कौनसी सौगातें दी

नई दिल्लीआगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आज अपनी आखिरी कैबिनेट बैठक में 13 प्वाइंट रोस्टर को खारिज कर दिया. कैबिनेट ने इसकी जगह आरक्षण के पुराने 200-पाइंट सिस्टम को बहाल करने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दी दी. 200 पॉइंट रोस्टर को लेकर एससी, एसटी और ओबीसी संगठन ने विरोध जताया था. इसी साल पांच मार्च को इसी मुद्दे पर भारत बंद भी बुलाया गया था. इसके अलावा कैबिनेट ने कई सौगातें भी दी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट ने एनएचपीसी को लैंको की तीस्ता पनबिजली परियोजना के अधिग्रहण सहित भारत और आस्ट्रिया के बीच समझौता ज्ञापन, बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम, बंगाल और ओडिशा के बीच तीसरी रेलवे लाइन और दिल्ली मेट्रो फेज 4 के तीन कारिडोर सहित कई योजनाओं को मंजूरी दी है.

तीस्ता पनबिजली परियोजना के अधिग्रहण को मंजूरी

केन्द्रीय कैबिनेट ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनएचपीसी को कर्ज में फंसी कंपनी लैंको की सिक्किम स्थित 500 मेगावाट की तीस्ता जल विद्युत परियोजना का अधिग्रहण करने की मंजूरी दे दी. वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बताया, ‘’बिजली परियोजना के बचे कार्यों को पूरा करने के लिये एनएचपीसी को 574.04 करोड़ रुपये खर्च करने की भी मंजूरी दी गयी. परियोजना जुलाई 2018 की कीमतों के आधार पर 5,748.04 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगी. परियोजना से 240 करोड़ यूनिट बिजली तैयार होगी. इसकी पूरी क्षमता 500 मेगावाट होगी.

गौरतलब है कि तीस्ता-छह जलविद्युत परियोजना सिक्किम के सिरवाणी गांव में एक नदी जल विद्युत परियोजना है. परियोजना तीस्ता नदी बेसिन की विद्युत संभावनाओं का इस्तेमाल में लाने के लिये लगाई गई है. परियोजना से अत्यधिक व्यस्त समय में बिजली की मांग पूरी की जा सकेगी.

भारत और आस्ट्रिया के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी

कैबिनेट ने सड़क आधारभूत संरचना के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग के लिए भारत सरकार के केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और ऑस्ट्रिया के परिवहन, नवाचार और तकनीकी मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी. इस समझौता ज्ञापन के जरिए दोनों देशों के बीच सड़क परिवहन, सड़क/राजमार्ग आधारभूत संरचना विकास, प्रबंधन और प्रशासन और सड़क सुरक्षा और आधुनिक परिवहन प्रणाली के लिए द्विपक्षीय सहयोग की एक प्रभावी रूपरेखा तैयार की जा सकेगी.

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इससे भारत और ऑस्ट्रिया के बीच लंबे समय से चले आ रहे मजबूत द्विपक्षीय संबंध और प्रगाढ़ हो सकेंगे. इसके अलावा दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार और क्षेत्रीय निकटता भी बढ़ेगी. भारत और ऑस्ट्रिया के बीच सड़क परिवहन क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ने से सड़क सुरक्षा और इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करने की संभावनओं को बल मिलेगा. परिवहन क्षेत्र में सहयोग बढ़ने से इससे दोनों देशों के बीच पहले से बने मजबूत संबंध और प्रगाढ़ हो सकेंगे.

गौरतलब है कि भारत और ऑस्ट्रिया के बीच 1949 में राजनयिक संबंध बने थे जो समय के साथ लगातार मजबूत हुए हैं. दोनों देश मैत्रीपूर्ण आर्थिक और राजनयिक संबंधों को साझा करते हैं. सड़क और राजमार्ग तकनीक के मामले में ऑस्ट्रिया काफी विकसित है.  ऑस्ट्रिया के पास खासतौर से इलेक्ट्रॉनिक टोल प्रणाली, अत्याधुनिक परिवहन व्यवस्था, यातायात प्रबंधन प्रणाली, भूमिगत मार्ग निगरानी व्यवस्था, भू-मानचित्र और भूस्खलन सुरक्षा के क्षेत्र में बेहद उन्नत तकनीक मौजूद है.

बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम को मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट ने पूरे देश में बाढ़ प्रबंधन कार्यों और साल 2017-18 से 2019-20 के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों से संबंधित नदी प्रबंधन गतिविधियों और कार्यों के लिए बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम (एफएमबीएपी) को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी . इस कार्यक्रम का परिव्यय 3342.00 करोड़ रुपये है.एफएमबीएपी योजना प्रभावी बाढ़ प्रबंधन भू-क्षरण नियंत्रण और समुद्र क्षरण रोकथाम के लिए पूरे देश में लागू की जाएगी. यह देश में बाढ़ और भू-क्षरण से शहरों, गांव, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, संचार संपर्क, कृषि क्षेत्रों, बुनियादी ढांचा आदि को बचाने में मदद करेगा. जलग्रहण उपचार कार्यों से नदियों में तलछट भार को कम करने में सहायता मिलेगी.

बंगाल और ओडिशा के बीच तीसरी रेलवे लाइन को मंजूरी

आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने पश्चिम बंगाल के नारायणगढ़ और ओडिशा के भद्रक के बीच तीसरी रेलवे लाइन के निर्माण को मंजूरी भी दी. जेटली ने बताया कि नयी 155 किलोमीटर लाइन का निर्माण होने पर इस मार्ग पर भीड़भाड़ को कम करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि तीसरी लाइन का निर्माण होने पर अतिरिक्त क्षमता सृजित करने के साथ वर्तमान और अतिरिक्त यातायात से निपटने में भी मदद मिलेगी. इस परियोजना पर 1866.31 करोड़ रूपये की लागत आयेगी और इसे 2023..24 तक पूरा किया जा सकेगा. इससे 37.2 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजित होने का अनुमान

दिल्ली मेट्रो फेज 4 के तीन कारिडोर को मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के प्रस्तावित फेज 4 के छह में से तीन कारिडोर को मंजूरी दे दी. कैबिनेट ने मुकुंदपुर, मौजपुर, आरके आश्रम, जनकपुरी पश्चिम और एयरोसिटी-तुगलकाबाद कारिडोर को मंजूरी दी. इन तीन कारिडोर की लम्बाई 61.679 किलोमीटर होगी और इसमें 17 भूमिगत स्टेशन और 29 जमीन से ऊपर स्टेशन होंगे.

शिक्षक कैडर में आरक्षण संबंधी अध्यादेश को मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट ने ‘केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (शिक्षक कैडर में आरक्षण) अध्यादेश 2019 को मंजूरी दे दी. जेटली ने कहा कि कैबिनेट ने विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के लिए आरक्षण तंत्र संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दे दी. इस अध्यादेश में विभाग या विषय की बजाए विश्वविद्यालय या कालेज को इकाई माना गया है. इस निर्णय से शिक्षक कैडर में सीधी भर्ती के तहत 5000 से अधिक रिक्तियों को भरते समय यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि इससे संविधान के अनुच्छेद 14, 16 और 21 का पूरी तरह से अनुपालन हो सके और जिससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए नियत आरक्षण प्रावधान का पालन हो सके .

इस विषय पर छात्रों और शिक्षक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था . इन संगठनों की ओर से सरकार से आग्रह किया गया था कि शिक्षक पदों में आरक्षण इकाई के रूप में कालेजों और विश्वविद्यालयों में 200 प्वाइंट की रोस्टर प्रणाली को बहाल करने के लिये अध्यादेश लाया जाए. मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को अश्वासन दिया था कि केंद्र सरकार शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण रोस्टर बहाल करने को प्रतिबद्ध है और इस संबंध में किसी विरोध प्रदर्शन की जरूरत नहीं है.

विश्वविद्यालय आरक्षण रोस्टर को लेकर यह विवाद उस समय शुरू हुआ था, जब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में आरक्षण रोस्टर का निर्धारण विवि को यूनिट मानकर तय करने की बजाय विभाग को यूनिट मानकर तय करने का निर्देश दिया था. इसके बाद यूजीसी ने सभी विवि को आदेश जारी कर विभागवार आरक्षण रोस्टर तैयार करने का निर्देश दिया था.

 

 

 

 

 

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