रामगढ़। रामगढ़ जिला आज जिस पायदान पर है, उसे उस ऊंचाई पर पहुंचाने में महिलाओं का ही योगदान है। चाहे विकास की गाड़ी को दौड़ाना हो या फिर उग्रवादियों और अपराधियों पर नकेल कसनी हो। रामगढ़ जिले में इन दोनों कार्यों की कमान महिला शक्ति के हाथ में हैं। उपायुक्त राजेश्वरी बी और पुलिस अधीक्षक निधि द्विवेदी दोनों के तालमेल से ऐसा काम हो रहा है कि आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर यह जिला खास तौर पर जाना जा रहा है।
डीसी राजेश्वरी बी ने रामगढ़ को प्रदेश में पहला ओडीएफ जिला घोषित कराया। पूरे शहर में शौचालयों का निर्माण ऐसा हुआ कि प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें सम्मानित किया गया। किसानों की बात आई तो वैज्ञानिक तरीकों को सीखने के लिए पूरी टीम को लेकर इसरायल पहुंच गई। इस काम के लिए भी उन्हें सम्मान मिला। जिले में रजरप्पा महोत्सव की शुरुआत भी उन्होंने की और उसे राजकीय महोत्सव तक घोषित कराने में डीसी का बड़ा योगदान रहा। सड़क, बिजली, कृषि, रोजगार प्रशिक्षण और यहां तक कि रामगढ़ रेलवे स्टेशन को भी रजरप्पा के रंग में रंगने में डीसी का योगदान अहम है।
इनके काम के साथ एसपी निधि द्विवेदी का काम भी कुछ कम नहीं रहा है। रामगढ़ जिले के आतंक रहे बाजीराम महतो इनकाउंटर, अवैध कोयला तस्करी, पतरातू में श्रीवास्तव ग्रुप और पांडेय गु्रप के गैंगवार पर लगाम लगाने का काम इन्होंने किया है। इसके अलावा जाड़े के दिनों में गरीब परिवारों के बीच जाकर कंबल वितरण करना, बच्चों के बीच पठन-पाठन की सामग्री का वितरण करना और आम लोगों की सेवा में तत्पर रहना कोई इनसे सीख सकता है।
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