झारखंड विधानसभा चुनाव में नये लोगों को भी मौका देगी पार्टीः अरुण सिंह

रांची । भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने कहा कि आनेवाले झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा नये लोगों को भी मौका देगी। इसमें युवा सहित सभी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में किसे टिकट मिलेगा और किसका कटेगा, इसका निर्णय पार्टी नेतृत्व लेगा लेकिन नये लोगों को भी मौका मिलना तय है। 

वे रांची में हिन्दुस्थान समाचार के साथ खास बातचीत कर रहे थे। राष्ट्रीय महामंत्री सिंह ने कहा कि भाजपा लोकतांत्रिक आधार पर विचारों के साथ चलने वाली एकमात्र पार्टी है। जनसंघ के रूप में प्रारंभ हुई यह राजनीतिक विचार यात्रा आज विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में प्रतिष्ठापित है। यहां सांसदों और विधायकों की जितनी सुनी जाती है, उतनी ही मंडल से लेकर अन्य पदाधिकारियों की भी सुनी जाती है। पार्टी के असंख्य कार्यकर्ताओं के त्याग, तपस्या और बलिदान का परिणाम है कि केंद्र में दोबारा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है। जनता के आशीर्वाद से पार्टी की 17 राज्यों में भी सरकार चल रही है।  

सवालः लोकसभा चुनाव की तरह क्या विधानसभा चुनाव में भी 75 की उम्र पार कर चुके नेताओं का टिकट कटेगा?

जवाबः लोकसभा चुनाव में ऐसा हुआ था। यह पार्टी का फैसला था लेकिन विधानसभा चुनाव में ऐसा ही हो, ऐसी कोई हार्डलाइन अभी तय नहीं हैं। राजस्थान में एक-दो ऐसे नेताओं ने भी चुनाव लड़ा था, जिनकी उम्र 75 पार थी। हां, उन्हें कोई महत्वपूर्ण दायित्व नहीं दिया गया। वैसे अंतिम फैसला तो पार्टी नेतृत्व ही लेगा।


सवालः बाहर से आनेवालों का क्या भविष्य है पार्टी में?

जवाबः जो हमारे पास आ गया, वो हमारा है। जिसने हमारी विचारधारा स्वीकार ली, वह संगठन का है। पार्टी का विस्तार तभी होता है जब लोग जुड़ते हैं। बाहर से जो आ रहे हैं, वो भी पार्टी को मजबूती दे रहे हैं। उनका भी उतना ही सम्मान है, जितना पार्टी के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं का।


सवालः यह जरूरी है कि मुख्यमंत्री गैरआदिवासी है तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदिवासी हो और सीएम आदिवासी हैं तो अध्यक्ष गैर आदिवासी?

जवाबः ऐसा कोई जरूरी नहीं है लेकिन भाजपा सामाजिक संतुलन बनाकर काम करने में विश्वास है और करती भी है। वर्ग संतुलन बैठाने का काम भाजपा करती है लेकिन ऐसा भी नहीं है कि मुख्यमंत्री गैरआदिवासी है तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदिवासी ही होगा और सीएम आदिवासी है तो प्रदेश अध्यक्ष गैर आदिवासी ही होगा। पार्टी ने अर्जुन मुंडा को केंद्र में कैबिनेट मंत्री बनाया। इसका बहुत ही अच्छा मैसेज आदिवासी समाज में गया है।


सवालः झारखंड की सरकार और मुख्यमंत्री को किस रूप में देखते हैं ?

जवाबः झारखंड में रघुवर दास की सरकार बेदाग है। कोई आरोप नहीं है। उन्होंने अच्छा काम किया है। हर वर्ग के लिए किया है। नक्सलवाद को लगभग समाप्त कर देना, इस सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। इसके साथ ही विकास के काम हुए हैं। पार्टी के अंदर भी सभी स्वीकारते हैं कि मेहनती और ईमानदार मुख्यमंत्री हैं। उनकी सरकार ने झारखंड की छवि पूरे देश में बदल दी है। अब यह माना जाने लगा है कि झारखंड में भी ईमानदारी से सरकार चलाई जा सकती है। इसके साथ ही रघुवर दास संगठनात्मक सोच वाले मुख्यमंत्री हैं। इससे संगठन को भी लाभ मिलता है।  

सवालः झारखंड में लगभग सभी बोर्ड निगम खाली हैं, एक-दो को छोड़ किसी में नियुक्ति नहीं हुई?

जवाबः ऐसा नहीं है, कुछ में हुई है। झारखंड सरकार रघुवर दास के नेतृत्व में लोककल्याणकारी कार्यों को तेजी से लागू कर रही है। कार्यकर्ताओं को सम्मान मिला है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कुछ ऐसे काम किये हैं जो कहीं नहीं हुए। पहली बार प्रखंड स्तर की बीस सूत्री समिति गठित हुई। इसमें कार्यकर्ताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिली है।

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