कुख्यात अपराधी बाजीराम महतो गैंग के पांच गुर्गे गिरफ्तार

रामगढ़। रामगढ़, बोकारो, रांची और हजारीबाग में आतंक का पर्याय रहे पीएलएफआई के जोनल कमांडर कुख्यात बाजीराम महतो को ढेर करने के बाद पुलिस उसके पूरे गैंग को भी तोड़ चुकी है। मंगलवार को लेवी वसूलने की योजना बना रहे इस गैंग के पांच सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
एसपी निधि द्विवेदी ने मंगलवार को बताया कि गिरफ्तार अपराधियों में रांची जिले के बीआईटी मेसरा निवासी उदयराम, जमुनिया टांड के रोहर टोला निवासी परमेश्वर मुर्मू, खेतको टोला निवासी कुंदा सिंह, भुइयां डीह रोहर टोला निवासी बिरसा मुंडा और जमुनिया टांड रोहर टोला के ही राम मुर्मू शामिल है। इनके पास से दो देसी पिस्तौल, 8 एमएम की 5 गोलियां और तीन मोबाइल फोन जब्त किया गया है।
गिरोह के सदस्य रामगढ़ जिले के कुजू और रजरप्पा थाने की सीमा पर स्थित उखड़बेडवा जंगल में एकत्रित हुए थे। वे लेवी वसूलने और एक मुखिया को उठाने की योजना बना रहे थे। पुलिस को इसकी भनक लगने पर छापेमारी के लिए तत्काल टीम बनाई गई, जिसमें पुलिस इंस्पेक्टर कमलेश पासवान, सब इंस्पेक्टर भरत पासवान, ए एस आई पूरन सिंह और सुरेश मलिक शामिल थे। इस टीम ने पांचों अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने इस गैंग के सरगना कुख्यात बाजीराम को ढेर कर दिया था। मुठभेड़ की रात 27 फरवरी को बाजीराम के साथ उसके तीन साथी परमेश्वर मुर्मू, बिरसा मुंडा और राम मुर्मू उर्फ हीरो भी थे, जो घटनास्थल से फरार हो गए। वे अलग बाइक से बाजीराम के साथ आए हुए थे। जब पुलिस ने गोलियां चलाई तो अंधेरे का लाभ उठाकर ये तीनों भाग निकले थे। बाजीराम को वहीं ढेर कर दिया गया था। बाजीराम के पास से पुलिस ने जो नई बाइक बरामद की थी, उसे बिरसा मुंडा ने ही खरीदा था। उसका सारा पैसा बिरसा मुंडा ने दिया था और गाड़ी भी उसी के नाम पर रजिस्टर्ड थी।
एसपी ने बताया कि गिरफ्तार पांचों अपराधी क्लासिक इनजीकॉम के बेस कैंप पर हमला करने में भी शामिल रहे हैं। पूछताछ में पांचों ने कबूल किया है कि जिस दिन बाजीराम, कम्पनी के बेस कैंप पर हमला करने जा रहा था, इन लोगों को भी वहां बुलाया गया था। इन लोगों ने ही वहां 11 गाड़ियों को फूंकने में मदद की थी।

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