मेदिनीनगर। पलामू जिले 33 गांव के लोग फ्लोराइडयुक्त पानी का सेवन कर रहे हैं. जिसमें चैनपुर प्रखंड के 19 गांव, विश्रामपुर प्रखंड के 04 गांव, लेस्लीगंज प्रखंड के 03 गांव, मनातू प्रखंड के 01 गांव, छत्तरपुर प्रखंड के 01 गांव, हुसैनाबाद प्रखंड के 01 गांव व जिला मुख्यालय डालटनगंज के 07 गांव शामिल हैं। चुकरू गांव में वर्षों पुरानी फ्लोरोसिस की समस्या से आज तक काबू नहीं पाया जा सका है। चुकरू गांववासियों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए सरकारी स्तर पर लंबी प्रयास के बावज़ूद शुद्ध पेयजल अभी तक मयस्सर नहीं हो सकी है1 स्थिति यह है कि लोग अभी तक 15 से 16 प्रतिात तक पानी में फ्लोराइडयुक्त पानी का ही सेवन कर रहे हैं। चुकरु गौरतलब है कि वहां के तमाम लोग न केवल कमजोर व अपाहिज व कुबड़े हो गये हॅैं, बल्कि कई लोगों की हड्डियां व दांत तक कमजोर हो गये हैं। अभी भी इस गांव में घुसते ही लोगों को देखने से शरीर में रोंगटे खड़े हो जाते हैं। आश्चर्य है कि इस गांव में फ्लोरोसिस का पता चलने के बाद भी आज तक सक्रिय रूप से सरकारी प्रयास नहीं किये जा सके हैं। उल्लेचानीय है कि वर्षों पूर्व जब यहां के लोग नदी व पोखर का पानी का अधिक सेवन करते थे जब इस तरह की बीमारी कम थी ।उसका मुख्य कारण था कि नदी के पानी में फ्लोराइड की समस्या कम होती है1 लेकिन बाद में लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए व्यापक पैमने पर चापाकल लगाये गये व बड़े मात्रा में कुंए खुदवाये गये जिससे लोगों को पानी तो मयस्सर हुआ लेकिन फ्लोरोसिस बीमारी की समस्या बढ़ने लगी। इस बीमारी से भी बचा जा सकता था जब हैंडपंप लगाने व कुंए खुदवाने के समय उस स्थान का पानी का सैंपल एकत्र कर उसकी जांच की जाती लेकिन ऐसा नहीं किया गया। जिसका परिणाम आज सामने चुकरू गांव के रूप में सामने है। आज फ्लोरोसिस रोगियों की संख्या में काफी इजाफा हुई है। बावजूद इसके प्रशासनिक स्तर से इस ओर सक्रिय कदम अब तक नहीं उठाया जा सका है। जो लोग इससे पीड़ित हैं उनकी हालत दिनोंदिन दयनीय होती जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार पलामू के 33 गांव में फ्लोराइडयुक्त पानी की गिरफ्त में है। गढ़वा जिले के कई गाँवों में इसी तरह की समस्या व्याप्त है। इस दिशा में तत्काल कोई ठोस पहल करनी जरूरी है।
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