-डॉ. जयंतीलाल भंडारी- यकीनन इस समय देश कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बनने के लिए डिजीटल भुगतान को प्रोत्साहन के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। देश में पहली बार बैंकिंग और वित्तीय संस्थान बिना कोई चार्ज लिए डिजीटल लेन-देन की डगर पर आगे बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एस.बी.आई.) ने सुनिश्चित किया है कि 1 अगस्त, 2019 से ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करने वाली इमीडिएट पेमैंट सर्विस (आई.एम.पी.एस.) पर कोई चार्ज नहीं लगेगा। एस.बी.आई. योनो एप, इंटरनैट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से…
Read MoreCategory: अपनी बात
आत्मजागृति के पर्व के रूप में मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा का त्योहार
-पं. श्रीराम शर्मा आचार्य- आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म में प्रचलित अन्य सभी त्योहारों की अपेक्षा इसका महत्व अधिक माना गया है; क्योंकि सन्मार्ग के प्रेरक सभी व्रतों, पर्वों, त्योहारों में लाभ तभी उठाया जा सकता है, जब सद्गुरुओं द्वारा उनकी उपयोगिता एवं आवश्यकता सर्वसाधारण को अनुभव कराई जा सके। सद्गुरु की महिमा गाते-गाते शास्त्रकार थकते नहीं। मनीषियों ने निरंतर यही कहा है कि आत्मिक प्रगति के लिए गुरु की सहायता आवश्यक है। इसके बिना आत्म-कल्याण का द्वार खुलता नहीं और न ही…
Read More16 जुलाई को है गुरु पूर्णिमा, जानें इस दिन का महत्व और उपासना का तरीका
गुरु और गुरु पूर्णिमा का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. हिन्दुओं में गुरु का सर्वश्रेष्ठ स्थान है. यहां तक कि गुरु का दर्जा भगवान से भी ऊपर है क्योंकि वो गुरु ही है जो हमें अज्ञानता के अंधकार से उबारकर सही मार्ग की ओर ले जाता है. यही वजह है कि देश भर में गुरु पूर्णिमा का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी दिन आदिगुरु, महाभारत के रचयिता और चार वेदों के व्याख्याता महर्षि कृष्ण द्वैपायन व्यास यानी कि महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ…
Read Moreवृक्ष बचेंगे तो जीवन बचेगा
-योगेश कुमार गोयल- दिल्ली सहित देश के कई बड़े शहर प्रदूषण के चलते बुरी तरह हांफ रहे हैं। पिछले कुछ समय से देश में पर्यावरण का मिजाज लगातार बिगड़ रहा है। इसका खामियाजा देश ने वर्षभर किसी न किसी बड़ी आपदा के रूप में भुगता है। पर्यावरण संबंधी कई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों में स्पष्ट हो चुका है कि भारत के कई शहर दुनिया के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के वायु प्रदूषण डाटाबेस के अनुसार विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित 15 शहरों में से 14 भारत में हैं।…
Read Moreअब सड़क हादसों को रोकने पर हो फोकस
-ऋतुपर्ण दवे- देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं सभी के लिए चिन्ता का कारण हैं। हालांकि 2016 की तुलना में 2017 में सड़क हादसों में थोड़ी कमी आई लेकिन 2018 के बढ़े हुए आंकड़ों ने फिर परेशानी बढ़ा दी है। सवाल यह है कि हम कब तक आंकड़ों को देखकर चिन्ता करते रहेंगे? हादसों को रोकने की खातिर भी तो कुछ ठोस करना होगा। इस साल 2019 में अब तक हुए सड़क दुर्घटनाओं ने सरकार की चिंता फिर बढ़ा दी है क्योंकि भारत ने संयुक्त राष्ट्रसंघ के उस घोषणा पत्र पर…
Read Moreनेता की तलाश में एक पार्टी
-प्रो. एनके सिंह- एक प्रसिद्ध इटालियन नाटक है जिसका नाम है ‘एक लेखक की तलाश में छह चरित्र’। यह एक विवादास्पद नाटक है जिसमें नाटक की प्रस्तुति पर बार-बार ‘मैड हाउस…मैड हाउस’ जोर से चिल्लाया जाता है। यह एक शास्त्रीय नाटक है जो अन्य स्थानों पर निरस्त हो जाने के बाद मिलान में लोकप्रियता हासिल कर लेता है। यह एक ऐेसी स्थिति की याद छोड़ जाता है जिसमें लेखक द्वारा स्वयं सृजित किया गया एक कैरेक्टर गुम हो जाता है और खिन्नता में लेखक की तलाश शुरू हो जाती है।…
Read Moreव्यंग्य : चाटुकारिता के खुले समर्थन में ही सबका भला है!
अजय वर्मा (Ajay Verma) प्रशंसा और चाटुकारिता में बड़ा बारीक अंतर होता है। प्रशंसा व्यक्ति के काम की होती है, और चाटुकारिता काम के व्यक्ति की होती है। जिन्हें काम के आदमी को कायदे से मक्खन लगाना आता हो उनकी हर जगह हमेशा से पूछ परख होती रही है। ऐसे लोग राजनीति में, सरकारी दफ्तरों में अफसरों के बीच लाइजनिंग का काम बड़ी सफलता से करते हैं। पुराने समय में राजाओं की चाटुकारिता में काव्य कहे जाते थे, चारण साहित्य आज भी उपलब्ध है जो और कुछ न सही किंचित…
Read Moreबेकार न जाए वर्षा जल
-रमेश ठाकुर- प्रधानमंत्री ने अपने ‘मन की बात’ में ‘जल संरक्षण’ को स्वच्छ भारत अभियान की भांति चलाने की देशवासियों से अपील की है। निःसंदेह उनकी यह अपील जनता के हित में उठाया गया बेहतरीन कदम है। लेकिन चुनौती यह है कि क्या हम उनकी इस अपील का अनुसरण करेंगे? क्योंकि दशकों से सरकारी और सामाजिक स्तर पर वर्षा जल संरक्षण के कागजी प्रयासों में कमी नहीं रही। मानसून आने से पहले सरकारी स्तर पर याद दिलाया जाता है कि बरसात के पानी को सहेजकर रखें, ताकि बाद में उसका…
Read Moreप्लास्टिक कचरा बड़ी मुसीबत
-लालजी जायसवाल- मानव जीवन में प्लास्टिक जनित वस्तुओं का उपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। प्लास्टिक को न तो जलाया जा सकता है और न ही जमीन पर फेंका जा सकता है। यह दोनों ही तरफ से मानव और पर्यावरण को क्षति पहुंचाता है। लेकिन अधिकतर लोग यह अनुमान तक नहीं लगा पाते कि इसका मानव जाति पर कितना भयावह असर पड़ता है। नतीजतन, लोग बेधड़क इसका उपयोग करते जा रहे हैं। पहले बरसात में लोग प्लास्टिक के जूते-चप्पल का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब तो बच्चों के खिलौने से…
Read Moreभारतीय नवजागरण के अग्रदूत थे विवेकानंद
(पुण्यतिथि, 4 जुलाई) -योगेश कुमार गोयल- स्वामी विवेकानंद युवाओं के प्रेरणास्रोत और आदर्श व्यक्त्वि के धनी माने जाते रहे हैं। उन्हें उनके ओजस्वी विचारों और आदर्शों के कारण ही जाना जाता है। वह भारतीय नवजागरण के अग्रदूत थे। 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में जन्मे स्वामी विवेकानंद अपने 39 वर्ष के छोटे से जीवनकाल में समूचे विश्व को अपने अलौकिक विचारों की ऐसी बेशकीमती पूंजी सौंप गए, जो आने वाली अनेक शताब्दियों तक समस्त मानव जाति का मार्गदर्शन करती रहेगी। वे एक ऐसे महान व्यक्तित्व थे, जिनकी ओजस्वी वाणी युवाओं…
Read More