हिंदू धर्म में माथे पर तिलक लगाने की प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है। आज भी लोग इस परंपरा को पूरी श्रद्धा से निभा रहे हैं। सुबह घर से किसी अच्छे काम के लिए निकलते वक्त या फिर किसी भी त्यौहार पर तिलक लगाना शुभ माना जाता है। वास्तु के अनुसार माथे पर अलग-अलग उंगलियों से तिलक लगाने का असर भी अलग अलग होता है। तो चलिए आज जानते हैं कि कौन सी उंगली से तिलक लगाने पर क्या फायदा होता है। बीच वाली उंगली: अच्छे काम के…
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मंगल दोष के कारण विवाह में देरी, क्या हैं उपाय?
परिवार में विवाह योग्य युवक-युवती हों और किसी कारणवश विवाह नहीं हो रहा हो, तो उनके साथ-साथ परिवार भी दुखी रहता है। विवाह में देरी के कई कारण हो सकते हैं। जिस कारण को सबसे गंभीर माना जाता है, वह है मंगल दोष। कुछ लोग इसे मांगलिक दोष भी कहते हैं। जिस भी व्यक्ति की राशि में मंगल दोष होता है उनकी शादी में बेहद परेशानियां आती हैं। इस दोष को दूर करने के लिए शास्त्रों में कई भ्रांतियां भी हैं। यहां यह बात विशेष ध्यान देने वाली है कि…
Read Moreसावन: वास्तु में ये बदलाव करके पा सकते हैं भगवान शिव की पूजा का फल
हिंदू धर्म में श्रावण मास को बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस पूरे महीने में चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा मौजूद रहती है। भगवान शिव की भक्ति का माहौल भक्तों में एक नई ऊर्जा का संचार करता है। इस महीने में यदि हम अपने घर में वास्तु के ये आसान से 6 उपाय आजमाएं तो घर के सदस्यों को भगवान शिव की उपासना से विशेष फल की प्राप्ति हो सकती है। आप भी लाभ उठाएं… पूर्व दिशा के लिए उपाय अध्यात्म में पूर्व दिशा का विशेष महत्व होता है। घर…
Read Moreअचानक धन चाहिए तो शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी को ऐसे प्रसन्न करें
अचानक अपार धन की प्राप्ति हर मनुष्य की चाहत होती है। लेकिन यह धन आपको सिर्फ चाहने भर से नहीं मिलने वाला। उसके लिए आपको मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना बहुत जरूरी है। आइए कुछ आसान टिप्स अपना कर पाएं मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति और हो जाए धन-दौलत से समृद्ध… -लाल धागे में सातमुखी रुद्राक्ष गले में धारण करने से अचानक धन की प्राप्ति होती है। -सवा पांच किलो आटा एवं सवा किलो गुड़ लें। दोनों का मिश्रण कर रोटियां बना लें। शुक्रवार के दिन सायंकाल गाय को खिलाएं।…
Read Moreचालबाजियों में नहीं है जीवन का सुख
अगर हम खुद को श्रेष्ठ और बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं तो हमारे दिमाग में कई तरह की चालबाजियां आने पर भी हम उनमें भाग नहीं लेते। हम ईमानदारी से जीवन जीते हैं। चालाकियों के साथ हम दूसरों को प्रभावित तो कर सकते हैं लेकिन ये हमें सुकून नहीं दे सकतीं। जब एक बच्चा गिरता है और पाता है कि कोई भी आसपास नहीं है तो वह खड़ा होकर आगे बढ़ जाता है। लेकिन अगर कोई आसपास है तो बच्चा उसका ध्यान अपनी तरफ खींचने के लिए…
Read Moreक्या आप जानते हैं ऊं नमः शिवाय महामंत्र की महिमा
भगवान शिव के षडक्षर मंत्र ऊं नमः शिवाय से तो आप भली भांति परिचित होंगे। प्रणव मंत्र ऊं के साथ नमः शिवाय (पंचाक्षर मंत्र) जप करने पर यह षडक्षर बन जाता है। पुराणों में इस मंत्र की बड़ी ही महिमा कही गई है। शिव महापुराण के अनुसार इस मंत्र के महात्म्य का विस्तांर से वर्णन सौ करोड़ वर्षों में भी नहीं किया जा सकता है। वेद तथा शैवागम में यह मंत्र शिवभक्तोंह के सम्पूेर्ण अर्थ का साधक अर्थात् सर्वमनोकामना पूर्ण करने वाला बताया गया है। ऊं नम: शिवाय इस मंत्र…
Read Moreजेब में पैसा ना टिकने का यह हो सकता है कारण, इन चीज़ों को रखने से होगा फायदा
अक्सर देखा जाता है कि आप खूब मेहनत करते हैं और अपनी मेहनत के हिसाब से आपको फल भी मिलता है। आपके पास हर प्रकार की इच्छाओं की पूर्ति के लिए पर्याप्त मात्रा में धन रहता है लेकिन यह धन अधिक समय तक टिक नहीं पाता। आप जो कुछ भी कमाते हैं वह बहुत जल्दी खर्च हो जाता है। ऐसे में वास्तु के हिसाब से कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आपके लिए बहुत जरूरी हो जाता है। 1.अक्सर आप अपने पैसे पर्स में रखते हैं और अगर बात करें…
Read Moreविष्णु के चतुर्थ अवतार श्रीनृसिंह
-अशोक “प्रवृद्ध”- यद्यपि सनातन वैदिक मतानुसार परमात्मा का अवतार संभव नहीं, तथापि बहुत सारे हिन्दुओं की मान्यता है कि सृष्टि में सभी प्राणी पूर्वनिश्चित धर्मानुसार अपने-अपने कार्य करते रहते हैं और जब कभी धर्म की हानि की होती है तो सृष्टिकर्ता धर्म की पुनः स्थापना करने के लिये धरती पर अवतार लेते हैं। पौराणिक मान्यतानुसार सृष्टि पालक भगवान विष्णु अब तक अधर्म के नाश के लिए नौ बार यथा मत्स्य, कुर्म (कच्छप), वाराह, नृसिंह (नरसिम्हा), वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध के रूप में धरती पर अवतरित हो चुके हैं और…
Read Moreजानें पूजा-पाठ में क्यों इस्तेमाल किया जाता हैं नारियल और सुपारी
पूजा-पाठ, हवन या किसी भी धार्मिक कार्यक्रम में आपने देखा होगा कि नारियल और सुपारी का उपयोग किया जाता है। जब भी हम गृह प्रवेश करते हैं या फिर नया वाहन लाते हैं तो पूजा के समय नारियल फोड़ा जाता है। इसे शुभ माना जाता है। नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है। नारियल का जहां औषधीय गुण होता है, वहीं पूजा के दौरान यह प्रतीक स्वरूप इस्तेमाल किया जाता है। हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार, कोई भी पूजा तब तक सफल नहीं मानी जाती है, जब तक की गणेश जी…
Read Moreइन चार ध्वनियों तक पहुंचे, फिर होगा आत्मा का परमात्मा से मिलन
-श्री श्री आनन्दमूर्ति विभिन्न अभिव्यक्तियों में ध्वनि सूक्ष्मतम होती है। प्रकाश से भी सूक्ष्म। इसीलिए कर्णेंद्रिय को सूक्ष्मतम माना गया है। मूल ध्वनि दो प्रकार की होती है। एक तो दैवी या आध्यात्मिक और दूसरी भौतिक। आम तौर पर तुम जो ध्वनि सुनते हो वह भौतिक ध्वनि है। उसी प्रकार से ध्वनियां दैवी किंवा आध्यात्मिक क्षेत्र में भी होती हैं। निर्गुण ब्रह्म में कोई अभिव्यक्ति नहीं है। निर्गुण ब्रह्म का अर्थ ही है जहां कोई अभिव्यक्ति न हो। सगुण ब्रह्म में पुरुषोत्तम की ही अवस्था से अभिव्यक्ति का प्रारंभ हो…
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