गर्मियों की छुट्टियां हों, विंटर ब्रेक हो अथवा कोई दूसरी स्पेशल ट्रैवल लीव-आजकल इस पीरियड को नई व अलग लोकेशन पर मनाने का चलन बढ़ रहा है। ऐसे में ट्रेवल में करिअर बनाने के बारे में सोचा जाना लाजिमी है। इस काम में मस्ती है, आनंद है जो समय-समय पर ट्रैवल व टूरिज्म टीवी चैनलों पर दिखाया भी जाता है। बेशक यह भी इस काम में एक पॉजिटिव पहलू है, पर कुछ जिम्मेदारियों व मेहनत की दरकार है। कुल मिलाकर मौज-मस्ती के भरपूर मौके हैं एक ट्रैवल प्रोफेशनल के काम में, पर दायित्वों के साथ।ट्रैवल सेक्टर सबसे बड़ी इंडस्ट्री में से है। हर साल लगभग 80 लाख लोग विदेश जाते हैं। लाखों की तादाद में देश के भीतर ही घूमने जाते हैं। 50 लाख से भी ज्यादा टूरिस्ट विदेशों से हमारे देश में आते हैं। इनमें कुछ बिजनेस के लिए, कुछ लोग छुट्टियां बिताने, तो कुछ धार्मिक मंशा से यहां आते हैं। आश्चर्य नहीं कि इस फील्ड में हजारों जॉब हैं ट्रैवल एजेंट, होलसेलर्स व मार्किटिंग प्रोफेशनल, टूअर आपरेटर, रिजर्वेशन सलाहकार, होटल व एयरलाइंस स्टाफ के अलावा कई तरह की सहायक सेवाप्रदाता कर्मियों की जरूरत ट्रैवल इंडस्ट्री में है।
काम क्या है ट्रैवल सेक्टर में:- ट्रैवल में ज्यादातर काम सेलिंग (विक्रय) से जुड़ा है। सभी को कुछ हटकर छुट्टीम बिताने की चाहत रहती है। इसीलिए ट्रैवल व टूरिज्म इंडस्ट्री नये-नये डेस्टिनेशन व छुट्टियों में मस्ती के अनछुए तरीकों की मार्किटिंग पर टिकी है। कुछ बिजनेस ट्रिप, ग्रुप टूअर या कानफ्रेंस के स्पेशलिस्ट हैं। ये टूअर पैकेज व्यक्तिगत ग्रुप के लिए, फॉरेन टूरिस्ट के लिए, विदेश जाने वालों के लिए या फिर घरेलू टूरिस्ट के लिए बनाए जा सकते हैं। विशेष रुचि से संबंधित पैकेज भी हो सकते हैं। इनमें हिमालय पर ट्रैकिंग, गोल्फ, वाइल्ड लाइफ या मेडिकल टूरिज्म-कुछ भी शामिल हो सकता है। इनके अलावा कुछ हटकर व विशेष ट्रैवल से जुड़े करिअर हैं जो आप अपना सकते हैं।
क्रूजिंग सेक्टर:- आजकल क्रूज हॉलीडे का क्रेज है। विभिन्न तरह के बड़े समुद्री जहाजों और छोटे याच पर छुट्िटयां बिताने के अलग-अलग तरह के, महंगे-सस्ते सभी रेंज में पैकेज मौजूद हैं। विशाल लग्जरी वल्र्ड वोयेज से लेकर दूरस्थ इलाकों में स्थित वॉटर बॉडीज में इको ट्रैवल व टूरिज्म इनमें शामिल हैं। क्रूज प्रोडक्ट्सट की मार्किटिंग, बातचीत से रेट तय करना और ट्रैवल एजेंट या सीधे कंज्यूमर से संपर्क करके क्रूजिंग हॉलीडे आयोजित करने से जुड़े जॉब इस क्षेत्र में हैं। मार्किटिंग मैनेजर या को-आर्डिनेटर, मार्किटिंग डिवेल्पमेंट मैनेजर तथा रिजर्वेशन व सेल्स एजेंट ऐसे ही प्रोफेशनल हैं। ज्यादातर क्रूज मैनेजर किसी क्रूज कंपनी में कार्यरत होते हैं। ट्रैवल इस काम का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इस क्षेत्र के प्रोफेशनल को खूब नॉलेज की जरूरत है, उसके शौक भी इस क्षेत्र के अलग-अलग पहलुओं से मेल खाते हों। ट्रैवल कर्मी को एक अच्छा पैकेज प्लान व आर्गेनाइज करने के लिए मार्किटिंग में पारंगत तथा आत्मविश्वास से लबरेज होना अनिवार्य है।
ट्रैवल जर्नलिज्म:- ट्रैवल जर्नलिज्म में युवाओं के लिए आजकल अच्छी संभावनाएं हैं। ट्रैवल शो के प्रेजेंटर के तौर पर काम करने की किसकी चाहत नहीं होगी? अगर आपकी लेखन पर अच्छी पकड़ है, साथ ही विभिन्न तरह की परिस्थितियों में ट्रैवल करते समय अलग-अलग प्रकार के व्यक्तियों से बातचीत-व्यवहार की क्षमता है तो आप ट्रैवल जर्नलिज्म के क्षेत्र में जा सकते हैं। ट्रैवल मैगजीन या फिर किसी अखबार में ट्रैवल संबंधी लेखन में भी आप उतर सकते हैं। ट्रैवल संबंधी वेबसाइट में कंटेंट राइटर भी बन सकते हैं। फोटोग्राफी का शौक है तो और भी बढिया, फोटो फीचर भी छपवा सकते हैं। इसके लिए आपको नये-नये माहौल में भी ढलना आना चाहिए। कैमरे के सामने आत्मविश्वास व हाजिरजवाबी के साथ स्क्रप्ट लेखन में अच्छे हैं तो आडियो-विजुअल मीडिया में उपयुक्त करियर संभावना है। शुरुआत में स्ट्रगल करना पड़ता है। एक जगह से दूसरी जगह घूमना, कई बार न चाहते हुए भी-यदि इस सबमें आपकी रुचि है तभी ट्रैवल जर्नलिज्म के बारे में सोचिये। कैसे एंट्री करें:- हालांकि ट्रैवल संबंधी करियर में अनुभव से ही ज्यादातर प्रोफेशनल सीखते हैं, लेकिन ट्रैवल व टूरिज्म में कोर्स ज्यादा सहायक सिद्ध होता है। कई विश्वविद्यालय पोस्ट ग्रेजुएट एवं ग्रेजुएट कोर्स टूरिज्म व ट्रैवल के चला रहे है। डिग्री कोर्स के लिए 12वीं पास होना जरूरी है। पीजी कोर्स के लिए स्नातक डिग्री की दरकार है। किसी विदेशी भाषा में धाराप्रवाह होना भी जरूरी है। क्रूज मैनेजमेंट जॉब के लिए ट्रैवल एवं टिकटिंग/रिजर्वेशन कोर्स उपयुक्त रहता है। मार्किटिंग के लिए सामान्य मार्किटिंग या सेल्स में डिप्लोमा/डिग्री चाहिये।
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