नई दिल्ली। अनियमित जमा व बचत योजनाओं को गैर-कानूनी बनाने संबंधी अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी विधेयक-2018 को आज लोकसभा से पारित कर दिया गया। इस विधेयक के माध्यम से अनियमित जमा व बचत योजनाओं वाली चिटफंड कंपनियों पर नकेल कसी जा सकेगी और उसका प्रचार करने वाली मशहूर शख्सियतों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
लोकसभा में बुधवार को तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के सदस्यों के हंगामे के बीच ही वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी विधेयक-2018 को सदन में पेश किया। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, माकपा के मोहम्मद सलीम समेत तमाम दलों के नेताओं ने इसका समर्थन किया। सदन में हुई संक्षिप्त चर्चा के बाद वित्तमंत्री गोयल ने सदस्यों का धन्यवाद देते हुए कहा कि इस कानून की खास बात है कि अनियमित जमा योजना पूरी तरह गैर-कानूनी होंगी। ऐसी योजनाओं को लाना दंडनीय अपराध होगा। उस पर भारी जुर्माना होगा। स्थाई समिति ने अपनी रिपोर्ट में इसके प्रावधानों को अधिक स्पष्ट बनाने का सुझाव दिया था। इन सुझावों के आधार पर कॉलम तीन और पांच में बदलाव को मंजूरी दी गई है।
इस बिल के कानून बनने के बाद अनियमित जमा योजना का विज्ञापन करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। इसके साथ ही नियमित जमा योजनाओं से जुड़ा एक ऑनलाइन डाटा बेस तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही फ्री लाइसेंसिंग नहीं होगी। दोषी व्यक्ति की संपत्ति बेचकर जमाकर्ताओं का पैसा लौटाया जाएगा।
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