महेशपुर लैम्प्स बोर्ड में एक और घोटाला, डीसी ने जांच के लिए गठित की टीमें

  • किसानों की बगैर जानकारी के खातों में डालकर निकाल ली गई 73.47 लाख रुपये की राशि

पाकुड़। जिले के महेशपुर स्थित लैम्प्स बोर्ड में 50 लाख रुपये के खाद घोटाला की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई है कि कृषि विभाग के राइस फेलो योजना के तहत किसानों को आवंटित 73.47 लाख रुपये का नया घोटाला सामने आ गया है। डीसी कुलदीप चौधरी ने अधिकारियों की टीम गठित कर इसकी भी जांच शुरू करवा दी है। उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने किसानों की आय वृद्धि के मद्देनजर राइस फेलो योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत धान व गेहूं की उपज के बाद खेत को खाली छोड़ने के बजाय किसान उसमें दलहन और तिलहन की खेती कर अपनी आय वृद्धि कर सकें। इसके लिए सरकार ने प्रोत्साहन राशि देने की भी व्यवस्था की गई । इसके तहत वर्ष 2016 – 17 में 73.47 लाख रुपये आवंटित किए गए थे। आरोप है कि उक्त प्रोत्साहन राशि को लैम्प्स बोर्ड के पदाधिकारी डकार गए। किसानों को चेक के जरिए पैसा देना था, अधिकारियों ने तकरीबन तीन हजार किसानों के खाते खोले। उन खातों में पैसा भी डाला, लेकिन किसानों को जानकारी दिए बगैर अवैध ढंग से उसकी निकासी भी कर ली। मजे की बात है कि संबंधित किसानों को यह पता ही नहीं है कि वे धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं। महेशपुर के किसान सुबोध राय, लखन कुमार राय, रेजाउल अंसारी, सोनातोन हांसदा, राम बास्की आदि यह भी पता नहीं कि लैम्प्स में उनके खाते भी हैं। वे प्रोत्साहन राशि के बाबत भी कुछ नहीं जानते हैं। लेकिन लाभुकों की सूची में उनका नाम है। गौरतलब है कि यह मामला तब उजागर हुआ जब महेशपुर लैम्प्स में किसानों को उधार में खाद देकर उनसे मनमाने ढंग से ब्याज सहित वसूली की शिकायत वरीय विभागीय अधिकारियों से की गई। सहकारिता प्रसार पदाधिकारी अशोक कुमार के नेतृत्व में जब चार सदस्यीय टीम जांच को पहुंची तो लैम्प्स बोर्ड के अधिकारियों ने कोई भी रिकार्ड दिखाने से मना कर दिया। कुमार ने बताया कि इस घोटाले में एक एनजीओ की भी संलिप्तता है। उधर, घोटालों की जानकारी मिलते ही डीसी कुलदीप चौधरी ने लाभुकों की सूची उपलब्ध कराते हुए चार टीमों का गठन कर जांच शुरू करवा दी है। डीसी ने बताया कि जांच रिपोर्ट मिलते ही संलिप्त सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

This post has already been read 9395 times!

Sharing this

Related posts