रांची। अपर न्यायायुक्त एसके सिंह की अदालत ने शनिवार को कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन को पुलिस से मुठभेड़ से संबंधित एक मामले में बरी कर दिया है। अदालत ने आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया। हालांकि बरी होने के बाद भी कुंदन पाहन को जेल में ही रहना होगा। क्योंकि उसपर तमाड़ के पूर्व विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड सहित कई अन्य मामलों में मुकदमा चल रहा है। गौरतलब है कि 31 मई 2009 को बुंडू पुलिस ऑपरेशन नाग के तहत नक्सलियों के खिलाफ अभियान पर निकली थी। पुलिस दल में एसडीओ आनंद जोसेफ तिग्गा, एसआइ नागेश्वर रजक सहित अन्य शामिल थे। पुलिस पहले बारूहातू पुलिस पिकेट पहुंची। उसके बाद सभी बारूहातू पहाड़ पहुंचे। वहां एक बंकर मिला, जहां पर पुलिस ने दवा सहित कई सामानों को जब्त किया। इसी दौरान नामकुम थाना पुलिस के साथ लाली टांगरटोली नामक स्थान पर नक्सलियों के साथ मुठभेड़ की सूचना बुंडू पुलिस को मिली। इसके बाद बुंडू पुलिस की टीम नामकुम के गरूढ़पीढ़ी जंगल में पहुंची। वहां से लौटने के क्रम में घात लगाये नक्सलियों ने फायरिंग की जिसका पुलिस ने जवाब दिया। इस मामले में कुंदन पाहन सहित अन्य के खिलाफ बुंडू थाना में कांड संख्या 51/2009 के तहत मामला दर्ज किया गया था। अदालत में मामले के तीन गवाह सूचक नागेश्वर रजक, इंस्पेक्टर कौशलेंद्र कुमार झा और छापामारी टीम में शामिल कार्तिक उरांव ने गवाही के दौरान कुंदन पाहन की पहचान नहीं की।
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