टैक्स स्लैब में छूट न होने पर भी 7 लाख तक की इनकम पर नहीं लगेगा टैक्स

नई दिल्ली। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के आम बजट में मध्यम वर्ग को कोई विशेष छूट नहीं दी गई है। इनकम टैक्स को लेकर भी बजट में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है। पूर्ण बजट में अंतरिम बजट में किए गए प्रावधानों को ही मंजूरी दी गई है, लेकिन आम बजट में इनकम टैक्स के लिए किए गए प्रावधान के बाद आपकी आय यदि 7 लाख रुपये तक है तो आपको किसी भी तरह का कोई टैक्स नहीं देना होगा। हिन्दुस्थान समाचार से फाइनेंशियल एक्सपर्ट अमित रंजन ने बातचीत में बताया कि कैसे 7 लाख रुपये तक की इनकाम को आप टैक्स फ्री बना सकते हैं।

दरअसल, अंतरिम बजट में 5 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स फ्री किया था। फाइनेंशियल एक्सपर्ट अमित रंजन के मुताबिक ढाई से 5 लाख रुपये तक की इनकम पर पांच फीसदी की  दर से टैक्स लगता है, जो कि अधिकतम 12,500 रुपये होता है। अंतरिम बजट में इसको पूरी तरह से माफ कर दिया गया, जिसे आम बजट में भी सरकार ने बरकरार रखा है। अब आपको  5 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई भी टैक्स नहीं देना होगा।

1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर धारा 80-सी के तहत छूट

अमित रंजन के मुताबिक इस बार सरकार ने केवल टैक्स में मिली छूट को बरकरार रखा है। वित्त मंत्री ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है।इनकम टैक्स की धारा 80-सी के तहत आपकी ओर से किए गए 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर किसी भी प्रकार को टैक्स नहीं देना होता है। एक्सपर्ट के मुताबिक लाईफ इंश्योरेंस (जीवन बीमा), म्युचुअल फंड,  पीपीएफ,  सुकन्या समृद्धि इत्यादि में किया गया 1.50 लाख रुपये तक का निवेश टैक्स फ्री होता है। इस तरह 7 लाख रुपये यदि आपकी सालाना इनकम है तो आपको एक रुपये भी टैक्स नहीं देना होगा। पचास हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन इसी साल सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान 1 फरवरी को पेश किए गए अंतरिम बजट में स्टैंडर्ड की सीमा को 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया था। यदि आपकी इनकम 7 लाख रुपये है तो इसमें से 50 हजार रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन के रूप में घटाने के बाद 6.50 लाख रुपये पर टैक्स की गणना होगी।

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