- कड़ी सुरक्षा के बीच खूंटी और तोरपा विधानसभा क्षेत्र में 60 फीसदी मतदान
खूंटी। जनजातियों के लिए आरक्षित जिले के खूंटी और तोरपा विधानसभा क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार को मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। दोनों विधानसभा क्षेत्रों में लगभग साठ फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। लगभग ढाई लाख मतदाताओं ने दोनों विधानसभा के 11 उम्मीदवारों के भाग्य को ईवीएम में बंद कर दिया। मतदान को लेकर लोगों में भारी उत्साह देखा गया। वैसे तो मतदान सुबह सात बजे से शुरू हुआ, पर सुबह साढ़े छह बजे से ही मतदान केंद्रों में वोटरों की लंबी कतार लग गयी थी। कई बूथों में हालांकि सुबह कम भीड़ थी, पर जैसे-जैसे सूरज ऊपर चढ़ता गया, मतदाताओं की कतार भी लंबी होती गयी। पहले दो घंटे में लगभग 11 प्रतिषत उसके बाद दो घंटे में 30 प्रतिशत और अंतिम तीन घंटे में लगभग 30 फीसदी वोट पड़े। खूंटी विधानसभा क्षेत्र में 297 और तोरपा में 252 मतदान केंद्र बनाये गये थे। भयमुक्त और निष्पक्ष मतदान के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे। पूरे जिले में मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो जाने पर प्रशासन ने भी राहत की सांस ली।
पत्थलगड़ी और उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में जमकर पड़े वोट
जिले उग्रवाद और पत्थलगड़ी से प्रभावित गांवों में भी मतदान को लेकर लोगों में भारी उत्साह देखा गया। पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले युवाओं का तो उत्साह देखते ही बनता था। प्रशस्ति पत्र और सर्टिफिकेट पाने की आस में पहली बार वोटर बने कई युवा तो सुबह छह बजे ही बूथों पर पहुंच गये थे। ठंड के बावजूद बुजुर्ग भी चुनाव को लेकर काफी उत्साहित थे। कोई अपने बेटे को लेकर मतदान केंद्र पहुंचा, तो कोई नाती-पोतों के सहारे वोट देने पहुंचा। भंडरा, सेनेगुटू, मारंगहादा, सिलादोन, उदबुरू, कूड़ापूर्ति, हेसाहातू जैसे गांवों में भी 60 फीसदी से अधिक मतदाताओं ने वोट डाले। वहीं रनिया, मुरहू, कर्रा जैसे उग्रवाद और नक्सलवाद प्रभावित इलाकों में भी लोगों ने भयमुक्त वातावरण में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। सुरक्षा के बंदोवस्त देख लोगों ने संतोष जताया।
पूजा-अर्चना कर नीलकंठ सिंह मुंडा ने डाला वोट
भाजपा उम्मीदवार और राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने मतदान करने के पहले अपने गांव में ग्राम देवी की पूजा की और अपनी मां का पैर छूकर आर्शीवाद ने लिया। मुंडा ने अपनी पत्नी के साथ माहिल स्कूल में बनाये गये मतदान केंद्र में वोट डाला। तोरपा के भाजपा उम्मीदवार कोचे मुंडा ने अपने गांव ममरला के मतदान केंद्र में सबसे पहले वोट डाला। अस्वस्थ रहने के बावजूद लोकसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर पद्म भूषण कड़िया मुंडा वोट डालने के लिए अनिगड़ा के मतदान केंद्र पहुंचे। जिला निर्वाची पदाधिकारी सह उपायुक्त सूरज कुमार और एसडीओ प्रणब कुमार पाल ने खूंटी प्रखंड कार्यालय स्थित बूथ में मतदान किया। मौके पर डीसी सूरज कुमार ने जिले के मतदाताओं को शांतिपूर्ण मतदान के लिए बधाई दी।
खूंटी में 11 व तोरपा में आठ उम्मीदवार हैं मैदान में
खूंटी(सु) सीट से इस बार 11 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें भाजपा के नीलकंठ सिंह मुंडा, झामुमो के सुशील कुमार लांग उर्फ सुशील पाहन, झाविमो की दयामनी बारला, झारखंड पार्टी के राम सूर्या मुंडा, अखिल भारतीय झारखंड पार्टी के विलसन पूर्ति, बसपा के सोमा कैथा, भारतीय ट्राइबल पार्टी से मीनाक्षी मुंडा, अंबेडकर राइट पार्टी ऑफ इंडिया से कल्याण नाग, जदयू से श्याम सुंदर कच्छप, निर्दलीय मसीह चरण मुंडा और निर्दलीय पास्टर संजय कुमार तिर्की शामिल हैं। तोरपा से दो बार विधायक रहे कोचे मुंडा भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में हैं। कोचे मुंडा पांचवीं बार भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें उन्हें दो बार जीत और दो बार हार मिली है। उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी और विधायक पौलुस सुरीन निर्दलीय प्रत्याषी के रूप में किस्मत आजमा रहे हैं। झामुमो ने इस बार उनका टिकट काट दिया। इन दो उम्मीवारों के अलावा झामुमो के सुदीप गुड़िया, झारखंड पार्टी के सुभाष कोंगाड़ी, झाविमो के ईश्वर दत्त मार्षल मुंडू, जदयू के सुधीर डांग, लोजपा की अविनाषी मुंड और सहदेव चीक बड़ाईक भी पूरी मुष्तैदी के साथ चुनावी मैदान में डटे हैं।
वोट तो पौलुस सुरीन को दिया तीर धनुष छाप में!
सुबह के लगभग आठ बजे हैं। तोरपा विधानसभा के डोड़मा गांव के एक मतदान केंद्र से लगभग 70 वर्ष के एक बुजुर्ग वोट डालकर बाहर निकलते हैं। उनके एक परिचित ने पूछा किसको वोट दिये। उनका जवाब था। पौलुस सुरीन को दिये तीर-धनुष छाप में। यह सुनकर वहां मौजूद लोग हंसने लगे। एक ने बुजुर्ग को समझाया कि पौलुस सुरीन का चुनाव चिह्न हॉकी और बॉल है। तीर धनुष तो झामुमो का है और उसके उम्मीदवार सुदीप गुड़िया हैं। यह सुनते ही बुजुर्ग व्यक्ति फिर कहने लगे, पौलुस 15-20 दिन पहले ही तीर-धनुष में वोट देने बोल थे। इसलिए दे दिये।
पहले वोट दिया, तब नाश्ता किया
खूंटी विधानसभा के सिलादोन गांव में गाय-बैल
चलाते सुकरा मुंडा मिल गये। उनसे पूछा वोट दिये कि नहीं। उन्होंने तुरंत जवाब दिया, पहले सात
बजे वोट देने गया। वोट देकर आया उसके बाद नाश्ता किया। हमारा बेटा बोला था पहले
वोट देना, उसके बाद कोई काम करना। इसलिए पहले वोट देने चले
गये। 1952 से पंचायत से संसद तक हर
चुनाव में वोट दिया है लीला देवी ने सुबह सवा सात बजे तोरपा
विधानसभा क्षेत्र के आरसी बालक स्कूल के मतदान केंद्र से वोट देकर 98 साल की लीला देवी बाहर निकलती हैं। उनसे पूछा गया कि इतनी ठंड में वोट
देने आ गयी। उन्होंने कहा कि बाद में बहुत भीड़ हो जाती है। इसलिए जल्दी चले आये।
उन्होंने बताया कि 1952 में हुए पहले चुनाव में भी उन्होंने मतदान
किया था। लीला देवी ने बताया कि अब तक लोकसभा, विधानसभा और
पंचायत के जितने भी चुनाव हुए हैं, उन सभी में उन्होंने वोट
डाला है। संभवतः लीला देवी जिले की सबसे बुजुर्ग महिला हैं, जिन्होंने
पहले चुनाव से लेकर अब तक हुए हर चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।
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