मुंबई। रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने किसानों को बिना गारंटी मिलने वाले ऋण की अधिकतम सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर एक लाख 60 हजार रुपये करने का फैसला किया है। केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति की गुरुवार को समाप्त तीन दिवसीय छठी द्विमासिक बैठक के बाद विकास एवं नियामक नीतियों पर जारी बयान में यह बात कही गयी है। बयान में कहा गया है कि एक लाख रुपये तक बिना गारंटी के कृषि ऋण की सीमा वर्ष 2010 में तय की गयी थी। इस दौरान बढ़ी महँगाई और कृषि लागत के मद्देनजर इस सीमा को बढ़ाकर एक लाख 60 हजार रुपये करने का निर्णय लिया गया है। आरबीआई ने बताया कि वह जल्द ही इस संदर्भ में एक सर्कुलर जारी करेगा। इससे औपचारिक ऋण प्रणाली में छोटे तथा सीमांत किसानों की भागीदारी बढ़ेगी। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि पिछले वर्षों में कृषि ऋण उठाव अच्छा रहा है, लेकिन इसके बाद भी इसे लेकर कुछ समस्याएँ हैं। मसलन, क्षेत्रीय असमानता तथा इसका दायरा। इन समस्याओं के अध्ययन तथा समाधान और इनसे जुड़े नीतिगत सुझावों के लिए आरबीआई की भीतर एक कार्य समूह का गठन किया गया है।
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