‘मैं एक जुनूनी खिलाड़ी हूं।’ मिल्खा सिंह की कहानी

नई दिल्ली । ‘मैं एक जुनूनी खिलाड़ी हूं।’ मिल्खा सिंह अक्सर यह बात दोहराते थे। अब उनका जुनून कहानियों के रूप में हमारे बीच रहेगा। मिल्खा की कहानियां हमें महान कार्य के लिए हमेशा प्रेरित करती रहेंगी। आखिर कौन जानता था कि महज एक गिलास दूध के लिए सेना की दौड़ में शामिल होने वाला नवयुवक एक दिन दुनिया का महान धावक बनेगा! लेकिन यह बात सच साबित हुई। मिल्खा सिंह ने इतिहास रच कर दिखाया। मिल्खा की रफ्तार से दुनिया पहली बार कार्डिफ राष्ट्रमंडल खेलों में परिचित हुई। वहीं…

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मिल्खा सिंह: वह पहला सुपरस्टार जो दौड़ता नहीं, उड़ता था

कॉमनवेल्थ गेम्स में ट्रैंक ऐंड फील्ड में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय 1958 के तोक्यो एशियन गेम्स में 200 मीटर और 400 मीटर में गोल्ड मेडल 200 मीटर की दौड़ में मिल्खा ने पाकिस्तान के अब्दुल खालिद को हराया चंडीगढ़ । पूरा भारत आज गम में डूब गया है भारत की शान मिल्खा सिंह ने शुक्रवार रात को चंडीगढ़ में अंतिम सांस ली। भारतीय खेल का जब भी जिक्र होगा मिल्खा सिंह का नाम सबसे ऊपर की लिस्ट में लिखा जाएगा। वह देश के पहले ट्रैंक ऐंड फील्ड सुपर…

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