पटना साहिब से ही चुनाव लड़ेंगे शत्रुघ्न, पत्नी के चुनाव लड़ने पर न इकरार किया न इनकार

लखनऊ: राजनीति में अपने अनूठे अंदाज के लिए मशहूर बीजेपी के सांसद और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने साफ किया कि हालात कैसे भी हों आने वाले लोकसभा चुनाव में वह पटना साहिब से ही मैदान में उतरेंगे. उन्होंने कहा, ‘सिचुएशन कोई भी हो लोकेशन वही रहेगी.’’  फिल्मी किरदार निभाते हुए अपनी रौबिली आवाज में ‘‘खामोश’’ कहकर वाहवाही बटोरने वाले शत्रुघ्न ने अपनी पत्नी पूनम सिन्हा के चुनाव मैदान में उतरने के बारे में यह कहकर रहस्य बनाए रखा कि ‘वक्त आने दो सब पता चल जायेगा.’

समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार हो सकती हैं शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी 

राजनीतिक सरगर्मियों के बीच पिछले दिनों लखनऊ आए शत्रुघ्न सिन्हा ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से लंबी बातचीत करके कई अटकलों को हवा दे दी थी हालांकि पार्टी की तरफ से इसे एक शिष्टाचार मुलाकात बताया गया और शत्रुघ्न सिन्हा ने भी इस मुद्दे पर मीडिया से कोई बात नहीं की. इस मुलाकात के बाद कहा जा रहा था कि शायद शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा सपा बसपा गठबंधन में समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार हो सकती हैं.

सिन्हा ने अपने रांची प्रवास के दौरान ‘भाषा’ से टेलीफोन पर बात की. पूनम सिन्हा के चुनाव मैदान में उतरने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘पूनम बहुत दिन से सामाजिक कार्यों में व्यस्त हैं. लोग चाहते भी हैं कि वह चुनाव लड़ें, लेकिन मैं उनके आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के बारे में न तो इनकार कर रहा हूं और न ही इकरार.’

 सिचुएशन कोई भी हो लोकेशन वही रहेगीशत्रुघ्न

यह पूछे जाने पर कि क्या पूनम को सपा बसपा गठबंधन में समाजवादी पार्टी की तरफ से टिकट की कोई पेशकश हुई है, उन्होंने कहा, ‘वक्त आने दो दोस्त सब कुछ साफ हो जायेगा.’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपने मौजूदा लोकसभा क्षेत्र पटना साहब से ही चुनाव लड़ेंगे, तो उन्होंने अपने खास अंदाज में जवाब दिया, ‘सिचुएशन कोई भी हो लोकेशन वही रहेगी.’

शत्रुघ्न सिन्हा ने की थी अखिलेश यादव की तारीफ

वह जिस तरह समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव की तारीफ कर रहे हैं, उसके भी कई मतलब निकाले जा रहे हैं. मंगलवार को भी शत्रुघ्न सिन्हा ने अखिलेश यादव को संस्कारी बताया था और कहा था कि ‘‘मैं मुलायम जी का बहुत सम्मान करता हूं.’’ हालांकि उन्होंने यह कहकर अटकलों को विराम देने का प्रयास किया कि ‘‘मुलाकात का गलत अर्थ न निकाला जाए. यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी.’’

 

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