रेलवे अब यात्रियों को नहीं देता मुफ्त यात्रा बीमा की सुविधा

नई दिल्ली। रेल यात्रियों को अब यात्रा के समय किसी भी प्रकार की अनहोनी के मद्देनजर यात्रा बीमा की सुविधा का लाभ लेने के लिए उचित शुल्क अदा करना होता है। हालांकि गत वर्ष 01 सितंबर तक यात्रियों को रेलवे की तरफ से यह सुविधा मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती थी।
रेल मंत्रालय के अनुसार आईआरसीटीसी की बेवसाइट से ई-टिकट बुक कराने वाले कंफर्म्ड और आरएसी रेल यात्रियों को एक सितम्बर 2016 से 0.92 रुपये प्रति फेरा प्रीमियम पर वैकल्पिक यात्रा बीमा योजना की शुरुआत की गई थी। इसमें यात्रियों द्वारा प्रीमियम का भुगतान किया गया था। बाद में वित्त मंत्रालय के निर्देश पर डिजिटल व कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए 10 दिसम्बर,2016 से 31 अगस्त,2018 तक नि:शुल्क बीमा प्रदान किया गया था। इसमें प्रीमियम का भुगतान स्वयं आईआरसीटीसी द्वारा किया गया था।
इसके बाद वित्त मंत्रालय के निर्देश पर 31 अगस्त,2018 के बाद नि:शुल्क बीमा को बंद कर दिया गया और वैकल्पिक यात्रा बीमा को प्रायोगिक आधार पर 01 सितम्बर,2018 से 31 अगस्त,2019 तक एक और वर्ष के लिए इस शर्त पर बढ़ा दिया गया कि बीमा प्रीमियम का भुगेतान कंफर्म्ड व आरएसी ऑनलाइन ई-टिकट खरीदने वाले यात्रियों द्वारा किया जाएगा। एक अक्टूबर,2018 से बीमा योजना के लिए प्रीमियम 0.49 रुपये(सभी करों सहित) प्रति यात्री प्रति फेरा तय है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार आम जनता को बीमा पॉलिसी बेचना रेलवे की मुख्य गतिविधियों में से नहीं है। बीमा उत्पादों का विकास एवं विपणन करना एक विशेष कार्य है, जो बीमा कंपनियों द्वारा अच्छे ढंग से संभाला जा सकता है। इसलिए रेल यात्रियों का बीमा करने की सुविधा तीन बीमा कंपनियों मैसर्स भारती एक्सा जनरल इंश्योरेंस कं. लि., बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कं. लि. और श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कं. लि. के पास है। आईआरसीटीसी ने उन्हें इस काम की जिम्मेदारी उनकी निविदा के आधार पर चयन के बाद दी है।
उल्लेखनीय है कि आईआरसीटीसी द्वारा प्रदान किए गए बीमा में ट्रेन यात्रा के दौरान दुर्घटना में व्यक्ति की मृत्यु होने पर अधिकतम 10 लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाता है। यात्रा के समय दुर्घटना के कारण कोई व्यक्ति यदि शारीरिक रूप से अक्षम हो जाए तो उसे 7.5 लाख रुपये और घायल होने पर 2 लाख रुपये तथा मृत व्यक्ति को ले जाने के लिए 10 हजार रुपये का भुगतान किया जाता है।

This post has already been read 11125 times!

Sharing this

Related posts