विपक्षी गठबंधन का पेंच उलझा, हजारीबाग लोस सीट से कांग्रेस दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं

 हजारीबाग। लोकसभा चुनाव की घोषणा में महज कुछ समय रह गये हैं लेकिन हजारीबाग लोकसभा सीट पर विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार का मामला अभीतक उलझा हुआ है। यहां से कांग्रेस या फिर गठबंधन में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है। लोकसभा चुनाव 2009 और 2014 में प्राप्त मतों के आधार पर दूसरे स्थान पर रहने वाली कांग्रेस इस सीट से अपनी दावेदारी छोड़ने   को तैयार नहीं दिख रही   है। यही कारण है कि कांग्रेस    से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार और उनके नेता जोश में हैं। पिछले दिनों इस सीट को लेकर दो दर्जन नेताओं ने दावेदारी पेश की  ।   जिला अध्यक्ष देवराज   कुशवाहा ने दावेदारों की सूची प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. अजय कुमार को भेज दी। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्र मानते हैं कि भले ही दावेदारी दो दर्जन नेताओं ने की है लेकिन प्रमुख दावेदारों में बरही विधायक मनोज कुमार यादव, जयशंकर पाठक और शिवलाल महतो शामिल हैं। तीनों अपने-अपने स्तर पर लाॅबिंग कर रहे हैं।
कांग्रेस सूत्रों की माने तो सामाजिक समीकरण और प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. अजय कुमार के धनबाद से चुनाव लड़ने की स्थिति में जयशंकर पाठक की दावेदारी हजारीबाग  में हो सकती है। वैसे विधायक मनोज कुमार यादव भी अपनी दावेदारी को लेकर आश्वस्त हैं। यदि कोयरी, कुर्मी और कुशवाहा समीकरण का पार्टी ने ध्यान रखा तो शिवलाल महतो हजारीबाग से दावेदार हो सकते हैं। यह तभी हो सकता है, जब वामपंथियों के साथ कांग्रेस या गठबंधन का समझौता न हो। भारतीय कम्युनिस्ट  पार्टी के राज्य सचिव सह हजारीबाग से दो बार सांसद रहे भुवनेश्वर प्रसाद मेहता अपनी अंतिम राजनीतिक पारी के लिए जोर- शोर से लगे हैं। उनका दावा है कि अबतक हजारीबाग सीट से भाजपा को दो बार हराने का काम उन्होंने किया है। इसी आधार पर वे राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, झाविमो के बाबूलाल मरांडी और झामुमो के हेमन्त सोरेन से समर्थन प्राप्त कर चुके हैं। मेहता हजारीबाग सीट से अपनी दावेदारी पक्की करने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी तक को मिल चुके हैं।
सूचना है कि पार्टी के राष्ट्रीय नेता डी. राजा के साथ उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के सलाहकार अहमद पटेल से भी मुलाकात कर अपनी बात उनतक पहुंचा चुके हैं। यही कारण है कि महागठबंधन से हजारीबाग सीट पर दावेदारी को लेकर भ्रम बना हुआ है। अंतिम समय तक ही तय हो सकेगा कि यहां से गठबंधन प्रत्याशी के रूप में भाकपा से भुवनेश्वर प्रसाद मेहता चुनाव लड़ेंगे या कांग्रेस के मनोज, जयशंकर या शिवलाल।
चर्चा यह भी है कि भाजपा के पूर्व कद्दावर नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा भी हजारीबाग से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन यह तभी होगा जब भाजपा जयंत सिन्हा का टिकट हजारीबाग लोकसभा सीट से काट दे। वैसे, जानकार यह भी कह रहे हैं कि भाकपा के भुवनेश्वर प्रसाद मेहता लोकसभा चुनाव लड़ेंगे ही। गठबंधन उम्मीदवार के रूप में लड़ते हुए वे भाजपा उम्मीदवार को पानी पिलाने का काम करेंगे या फिर समझौता न होने की स्थिति में गठबंधन उम्मीदवार को पानी-पानी करने की स्थिति में रहेंगे, यह आने वाले दिनों में साफ होगा।

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