बैंकिंग सेवाओं को और बेहतर बनाने की जरूरत : वेंकैया नायडू

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के 125वें स्थापना दिवस समारोह में बैंकों में बढ़ते एनपीए (नॉन परफोर्मिंग एसेट्स) पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बैंकों को अपनी सेवाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में काम करना चाहिए। वेंकैया नायडू ने यहां विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में पीएनबी के 125वें स्थापना दिवस को चिह्नित करने के लिए एक स्मरणीय डाक टिकट और कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि बैंक अब केवल अपने उपभोक्ताओं को मजबूत लॉकर उपलब्ध कराने और उनकी जमा रकम पर अच्छी ब्याज देने तक ही सीमित नहीं हैं। बैंक अब अपने पारंपरिक दायरे से बाहर निकलकर देश के विकास की गाथा में सबसे आगे हैं। उन्होंने कहा कि समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए बैंकिंग क्षेत्र में व्यवस्थित सुधार समय की जरूरत है। उन्होंने कहा देश का बैंकिंग क्षेत्र जबर्दस्त वृद्धि के लिए तैयार है, क्योंकि भारत में तेजी से बढ़ते व्यापार और उद्योग वित्तीय सेवाओं के लिए बैंकों का रुख करेंगे। उन्होंने कहा मध्यम वर्ग और डिजिटल क्रांति के विस्तार जैसे कई सकारात्मक रुझानों ने बैंकिंग को बदल दिया है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में डिजिटल क्रांति और नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया जाना चाहिए ताकि लोग ऑनलाइन माध्यम से बैंकिंग सेवाओं का अधिकांश लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि बैंकों में बढ़ते एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स) चिंता का विषय है। किसी ग्राहक को दिए गये ऋण पर बैंक को जब किसी तरह का लाभ प्राप्त नहीं होता है, तो वह ऋण एनपीए कहलाता है। उन्होंने कहा कि एनपीए बढ़ते रहने से बैंकों की ऋण देने की क्षमता प्रभावित होती है। हमारे बैंकों को ऋणों की पूर्व और बाद की मंजूरी प्रक्रियाओं के दौरान कड़ी सतर्कता बनाए रखने की आवश्यकता होगी और उचित परिश्रम प्रक्रियाओं में कभी समझौता नहीं करना चाहिए।

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