दुमका। आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले सीजेएम देवाशीष महापात्रा के न्यायालय ने गुरूवार को राज्य की समाज कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। मामला 19 दिसंबर 2014 विधानसभा चुनाव का है। विधानसभा चुनाव के दरम्यान 19 दिसंबर को जिला शिक्षा उपाधीक्षक सह प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी मिलन कुमार घोष ने नगर थाना भाजपा प्रत्याशी डा. लुईस मरांडी एवं अज्ञात भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ नजायज मजमा बनाकर डीसी चौक के समीप धरना देने एवं लगभग 3 घंटे तक मार्ग अवरुद्ध करने का आरोप लगाया था। इसे आर्दश आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए प्राथमिकी दर्ज हुई थी। प्राथमिकी में यह भी बताया गया है कि 18 दिसंबर 2014 की रात्रि को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मुडाबहाल गांव में झामुमो एवं भाजपा कार्यकर्ताओें के बीच विवाद हो गया था। जिसमें झामुमो कार्यकर्ताओं द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट एवं उनके वाहनों में तोड़फोड़ की गई थी। इसी घटना के विरोध में डा. लुईस अपने सैकड़ों सर्मथकों के साथ डीसी चौक पर धरना पर बैठी थी। भाजपा प्रत्याशी डॉ लुईस मरांडी विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ चुनाव लड़ी थी।
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