आजकल खान-पान की गड़बड़ी, तनाव और लाइफस्टाइल के कारण लोगों में पेट संबंधी समस्याएं काफी बढ़ गई हैं। एक शोध के मुताबिक शहरों में रहने वाले हर 10 में से 6 व्यक्ति को कब्ज की समस्या है। एसिडिटी, अपच, हार्ट बर्न, कब्ज जैसी समस्याओं से आप भी कभी न कभी परेशान होते हैं। कई लोगों को मल त्याग में बहुत दर्द का सामना करना पड़ता है और घंटों टॉयलेट में बैठे रहने के बाद भी पेट साफ नहीं होता है। इन सभी समस्याओं को मलासन चुटकियों में ठीक करता है। मलासन के अभ्यास से पेट संबंधी सभी बीमारियां दूर होती हैं और मल त्याग के समय आसानी होती है।
कैसे करें मलासन: मलासन करने के लिए सबसे पहले अपने घुटनों को मोड़कर मल त्याग की अवस्था में बैठ जाएं। बैठने के बाद अपने दोनों हाथों की बगल को दोनों घुटनों पर टीका दें। अब दोनों हाथो की हथेलियों को मिलाकर नमस्कार मुद्रा बनाएं। अब धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें, आपको कुछ देर इसी अवस्था में बैठना है। अब धीरे-धीरे हांथो को खोलते हुए वापस उठ कर खड़े हो जाए।
हिप्स के जोड़ों को बनाता है लचीला: मलासन हिप के जोड़ों में लचीलापन बनाये रखने में मदद करता है। यह लचीलापन हम सभी को जन्म के समय मिलता है, लेकिन उम्र के साथ इसमें कमी आने लगती है। हिप ज्वाइंट्स को इमोशन्स का केंद्र कहा जाता है। इसलिए अगर आपके हिप ज्वाइंट्स मजबूत होंगे, तो आपका अपने इमोशन्स पर कंट्रोल बढ़ेगा।
कब्ज के लिए है रामबाण: मलासन से कब्ज सहित पेट की सभी समस्याओं से निजात पा सकते हैं। पुरानी कब्ज की परेशानी, पेट दर्द और एसिडिटी जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए हम दवाओं का सहारा लेते हैं, जिससे कुछ समय के लिए तो आराम मिल जाता है, लेकिन कुछ समय बाद यह समस्याएं हमें घेर लेती है। लेकिन नियमित मलासन को करने से आप कब्ज की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। मलासन का अर्थ होता है मल त्याग करते समय जिस आसन में हम बैठते है उसे ही मलासन कहते हैं।
मलासन के अन्य लाभ: मलासन को करने से पेट एवं कमर को काफी लाभ होता है। इसे नियमित करने से गैस और कब्ज की परेशानी से छुटकारा मिलता है।कमर, घुटने, मेरुदंड की मांसपेशिया लचीली बनती है। मलासन से घुटनों, जोड़ों, पीठ और पेट का दर्द कम होता है। पेट की चर्बी दूर होती है।
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