सामूहिक हत्याकांड के दोषी बीजेपी विधायक समेत 11 को उम्रकैद, सजा के ऐलान होते ही फरार हुए एमएलए

जिन लोगों की सरेराह हत्या की गई थी उनमें भाजपा नेता राजीव शुक्ला के सगे भाई राकेश शुक्ला, राजेश शुक्ला, भतीजा अंबुज शुक्ला के अलावा निजी गनर वेद नायक और श्रीकांत पाण्डेय शामिल थे।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 22 साल पहले हुए एक सामूहिक हत्याकांड में अब अपना फैसला सुनाया है। अदालत ने इस मामले में उत्तरप्रदेश के हमीरपुर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक अशोक सिंह चंदेल को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मामले में भाजपा विधायक समेत 11 लोगों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। कभी यूपी की सियासत को हिला कर रख देने वाली इस हत्याकांड में अब दोषी पाए जाने और सजा मिलने के बाद भाजपा विधायक फरार हो गए हैं।

यह है पूरा मामला: दरअसल 26 जनवरी वर्ष 1997 की देर शाम हमीरपुर के भीड़भाड़ वाले बाजार में पांच लोगों की हत्या कर दी गई थी। जिन लोगों की सरेराह हत्या की गई थी उनमें भाजपा नेता राजीव शुक्ला के सगे भाई राकेश शुक्ला, राजेश शुक्ला, भतीजा अंबुज शुक्ला के अलावा निजी गनर वेद नायक और श्रीकांत पाण्डेय शामिल थे। उस दिन बाजार में हुए इस खून खराबे में तीन अन्य लोग जख्मी भी हुए थे। इस हत्याकांड में मारे गए अंबुज शुक्ला की उम्र महज 9 साल थी। कहा जाता है कि यह गोलीबारी और हत्याकांड दो नेताओं के राजनीतिक रंजीश का परिणाम था।

जजों पर रिश्वत का आरोप भी लगा: इस जघन्य हत्याकांड को 22 साल गुजर गए और इस दौरान इसमें अब तक कई मोड़ आए। निचली अदालत ने इस मामले में भाजपा विधायक अशोक सिंह चंदेल तथा अन्य 10 लोगों को बरी कर दिया था। इनके बरी होने के बाद दो जज आरबी लाल और अश्वनी कुमार पर रिश्वत के आरोप भी लगे, जिन्हें बाद में बर्खास्त कर दिया गया था।

राज्य सरकार ने HC में की अपील: इसके बाद तत्कालीन यूपी सरकार ने इस मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लंबी कानूनी प्रक्रिया और सुनवाई के बाद इसी साल 22 फरवरी, 2019 को अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसके बाद अब अदालत ने सभी 11 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अशोक सिंह चंदेल इस मामले के मुख्य आरोपी थे। इस मामले में आरोपी अजय सक्सेना दोनों पक्षों के बीच मुकदमे में मुख्य गवाह थे।

कौन हैं अशोक सिंह चंदेल?

अशोक सिंह चंदेल का जन्म हमीरपुर के कुरौरा गांव में हुआ था। साल 1989 में चंदेल निर्दलीय विधायक चुने गए। इसके बाद साल 1993 में भी वो विधायक बने। वर्ष 1999 में अशोक सिंह चंदेल बहुजन समाज पार्टी से सांसद चुने गए। साल 2017 में चंदेल भाजपा के टिकट से विधायक चुने गए।

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