झारखण्ड का नारा” पहले विद्यादान, फिर कन्यादान” होना चाहिए : रघुवर दास

पाकुड़। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि योजना है, उद्देश्य है, और सरकार का लक्ष्य भी। सुकन्या योजना मात्र एक योजना नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण को केंद्र बिंदु बनाकर इसे लागू किया गया है, ताकि कन्या भ्रूण हत्या रुके, बाल विवाह पर लगाम लगे, राज्य की बच्चियां शिक्षा से आच्छादित हों और सही समय, सही उम्र में उनका विवाह हो सके।उन्होंने कहा कि झारखण्ड का नारा” पहले विद्यादान, फिर कन्यादान” होना चाहिए।
मुख्यमंत्री रघुवर दास गुरुवार को राज्य के पाकुड़ जिले में आयोजित मुख्यमंत्री सुकन्या योजना जागरूकता कार्यक्रम में बोल रहे थे।उन्होंने कहा कि आज देश में बेटियां आगे बढ़ रही हैं। वह खेल का क्षेत्र हो या फिर शिक्षा हर क्षेत्र में वह अच्छा कर रही हैं। वे पुरुषों से किसी भी मामले में कम नहीं बस उन्हें मौका मिलना चाहिए। यह कार्य केंद्र व राज्य सरकार कर रही है और निरंतर करती रहेगी, क्योंकि सरकार का मानना है कि नारी सशक्तिकरण के बिना देश, राज्य या फिर परिवार को सामर्थ्यवान नहीं बनाया जा सकता। स्त्री ही सृष्टि है इसलिए उस सृष्टि को इस धरा पर आने दें। कहा जाता है की कन्यादान से पुण्य होता है लेकिन मेरा मानना है कि पहले विद्यादान, फिर कन्यादान यह महा पुण्य है। झारखंड का यह नारा हो। हम इसे आत्मसात करें। यह प्रण लेने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने पाकुड़ में मुख्यमंत्री सुकन्या योजना जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ पहले पढ़ाई, फिर विदाई के संदेश के साथ किया। योजना के तहत 8,946 सुकन्याओं के बीच तीन करोड़ एक लाख रुपये का वितरण किया। मुख्यमंत्री ने संथाल परगना में 31 करोड़ 57 लाख की योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया। संथाल के सभी सरकारी कार्यालय में संथाली भाषा में भी होगा नाम दर्ज। संथाल परगना के स्कूलों में 1 से 5 तक के बच्चों को संथाली भाषा ओलचिकी लिपि में भी शिक्षा। 31 अगस्त तक लिट्टीपाड़ा के एक लाख लोगों को मिलेगा पाइपलाइन से शुद्ध पेयजल।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संथाल परगना का सर्वांगीण विकास, यहां की गरीबी को दूर करना राज्य सरकार का लक्ष्य है। आप अपने बच्चों को पढ़ाएं उन्हें उत्कृष्ट बनाएं। राज्य सरकार आपके साथ है। इस साथ को निभाने के लिए ही मुख्यमंत्री सुकन्या योजना का शुभारंभ किया गया है ताकि बेटों के साथ आपकी बेटियां भी शिक्षा से आच्छादित हों और अपनी कल्पनाओं को उड़ान दे सकें।
दास ने बताया कि झारखंड की संस्कृति और भाषा उसकी पहचान है। जिस भाषा, संस्कृति को बचाने के लिए संथाल के वीरों ने संघर्ष किया। सरकार उसका संरक्षण और संवर्धन करने के प्रति प्रतिबद्ध है। इस निमित्त संथाल परगना के सभी सरकारी कार्यालयों में हिंदी के साथ-साथ संथाली भाषा यानी ओल चिकि लिपि में उस कार्यालय का नाम दर्ज किया जाएगा। स्कूलों में बच्चों को 1 से लेकर 5 तक की पढ़ाई संथाली भाषा ओल चिकी लिपि में भी दी जाएगी। राज्य सरकार ने इसके लिए संथाल परगना के सभी जिलों के उपायुक्त को यह निर्देश दिया है कि वे इस लिपि के शिक्षक को संविदा पर नियुक्त करें। उन्हें प्रति घंटी के अनुसार 125 रूपये का भुगतान कर संथाल परगना के नौनिहालों को उनकी ही भाषा में शिक्षा से आच्छादित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 17 फरवरी को प्रधानमंत्री का आगमन हजारीबाग में हो रहा है। इस अवसर पर भी दुमका, हजारीबाग और पलामू में नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन करेंगे। संथाल परगना को भी मेडिकल कॉलेज की सौगात मिलेगी। साथ ही राज में निवास करने वाले 67 हजार आदिम जनजाति परिवारों के लिए पाइपलाइन के माध्यम से जलापूर्ति योजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री द्वारा होगा। वहीं राज्य सरकार 1200 आदिवासी गांव में अप्रैल माह से पेयजलापूर्ति के लिए डीप बोरिंग, 5 हजार लीटर क्षमता वाली टंकी का निर्माण करेगी ताकि लोगों तक शुद्ध जल पहुंच सके। गांव रोशन हो, गांव के की सड़कें साफ-सुथरी रहें। इस निमित्त गांव में स्ट्रीट लाइट और पेवर ब्लॉक के माध्यम से सड़क का निर्माण होगा। इसमें पंचायत के मुखिया 14वें वित्त आयोग की राशि का उपयोग करेंगे। भले ही वह गांव आदिवासी हो, गैर आदिवासी हो या फिर दलित गांव हो। हर गांव में इसकी व्यवस्था होगी। महिलाओं ने कहा था कि उन्हें पानी को लेकर बड़ी समस्या है। उन्हें दूर से पानी लाना पड़ता है।अत: उन्होंने लिट्टीपाड़ा में 200 करोड़ रुपए की पाइपलाइन जलापूर्ति योजना को प्रारंभ किया।अब 31 अगस्त तक लिट्टीपाड़ा के करीब 1 लाख लोगों तक शुद्ध पेयजल पहुंचेगा। इसके तहत जोन 6 में अप्रैल माह तक, जोन 2 में 19 जून तक, जोन 5 में 5 जुलाई तक और जोन एक में 31 अगस्त तक पाइप लाइन के माध्यम से जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। महेशपुर में भी जल आपूर्ति हेतु 13 करोड़ खर्च किया जा रहा है ताकि आपको शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संथाल परगना से 3 मुख्यमंत्री ने झारखंड की बागडोर संभाली। लेकिन संथाल परगना के विकास पर ध्यान नहीं दिया। आजादी के बाद से मात्र 38 ग्रिड का निर्माण झारखंड में हुआ। जबकि 134 ग्रिड की जरूरत राज्य को थी। वर्तमान सरकार 60 ग्रिड का निर्माण करा रही है। 217 सब स्टेशन बन रहे हैं ताकि बिजली का संचरण और वितरण सुचारू रूप से हो और सभी जगह बिजली पहुंचे। उन्होंने आश्वस्त किया कि नवंबर 2019 तक गांव में भी 24 घंटे बिजली पहुंच जाएगी। वैसे भी राज्य सरकार ने अपने 4 साल के कार्यकाल में 30 लाख घरों को बिजली से आच्छादित किया है। बचे हुए कुछ घरों तक मार्च 2019 तक बिजली पहुंच जाएगी। वैसे 10 हजार घर जहां बिजली पहुंचाना आसान नहीं है वहां सोलर के माध्यम से बिजली पहुंचाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019- 20 में विधवा और वृद्धों के पेंशन में बढ़ोतरी की गई है, इससे पूर्व 600 रुपये विधवा और वृद्ध जनों को प्राप्त होता था। लेकिन उस राशि में 400 का इजाफा किया गया। अब ऐसे लोगों को 1000 रूपए हर माह मिलेंगे। साथ ही दिव्यांग जनों को भी सरकार 1000 रुपये प्रदान करेगी।
इस मौके पर मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने कहा कि बन बंधु योजना लिट्टीपाड़ा को दी गई है यह आदिम बहुल क्षेत्र है। आदिम जनजाति समाज के लोगों तक यह योजना पहुंचे यह भी सुनिश्चित करना है। आयुष्मान भारत योजना जब तक सुचारू रूप से लागू नहीं हो जाता तब तक मुख्यमंत्री असाध्य रोग योजना जारी रहेगा। सुकन्याओं को सुकन्या योजना के लाभ हेतु बधाई।
मुख्यमंत्री द्वारा पाकुड़ की रानी मुर्मू, दुमका की कुमकुम कुमारी, जामताड़ा की मीनू हेम्ब्रम, देवघर की सविता कुमारी, गोड्डा की मरियम हांसदा और साहेबगंज की प्रियंका कुमारी को मुख्यमंत्री सुकन्या योजना का लाभ प्रमाण पत्र सौंप कर किया। मुख्यमंत्री ने महेशपुर ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजना, अम्रपाड़ा ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजना, प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवन लिट्टीपाड़ा, लिट्टीपाड़ा प्रखंड के ग्राम धंधा पहाड़ी में बालिका आवासीय विद्यालय छात्रावास निर्माण, लिट्टीपाड़ा प्रखंड के ग्राम कुमार भाजा में एकलव्य विद्यालय के लिए छात्रावास का निर्माण, लिट्टीपाड़ा प्रखंड में ग्राम कुमार भाजा में एकलव्य विद्यालय का निर्माण, लिट्टीपाड़ा प्रखंड के ग्राम कुमार आजा में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के लिए चतुर्थवर्गीय क्वार्टर एवं स्टाफ क्वार्टर निर्माण कार्य का उद्घाटन किया। इस दौरान कुल 205 एकड़ भूमि पर 85.44230 की योजना का शिलान्यास किया गया।
मुख्यमंत्री ने सोनाजोरी साइफन सिंचाई योजना पतरापाली साइफन सिंचाई योजना सोनाझुरी में माइक्रो लिफ्ट सिंचाई योजना ग्राम शमशेरा में बंद खदानें माइक्रो लिफ्ट सिंचाई योजना ग्राम दुर्गापुर में बंद खदान में मेट्रो लिफ्ट सिंचाई योजना ग्राम बलियापतरा के तीन बंद खदान में माइक्रो लिफ्ट सिंचाई योजना का शिलान्यास किया। इस अवसर पर सचिव सामाज कल्याण अमिताभ कौशल, कुलदीप चौधरी, भगवान दास, पुलिस उप महानिरीक्षक राजकुमार लकडा आदि मौजूद थे।

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