मुंबई। पिछले दिनों श्रीलंका में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत में मुस्लिम महिलाओं के बुर्का पहनने को लेकर एक बार फिर बहस शुरु हो गई, क्योंकि श्रीलंका के आतंकवादी हमले के बाद भारत में मुस्लिम महिलाओं के बुर्का पहनने पर पाबंदी की मांग होने लगी, तो इस बहस में फिल्मों के गीतकार जावेद अख्तर भी कूद गए। जावेद अख्तर ने बुर्का पहनने पर पाबंदी लगाने की मांग करने वालों का विरोध किया, लेकिन उन्होंने साथ में इसके साथ घूंघट को भी जोड़ लिया। जावेद अख्तर ने कहा कि वे निजी तौर पर वे मुस्लिम महिलाओं के बुर्का पहनने के विरोधी रहे हैं, लेकिन वे घूंघट के प्रचलन को भी सही नहीं मानते और उनका मानना है कि बुर्का हो या घूंघट हो, ये दोनों ही महिलाओं की आजादी और सम्मान में बाधा बनते हैं, क्योंकि ये दोनों ही उनको एक बंधन में बांधती हैं। जावेद अख्तर के घूंघट को लेकर कही बातों से सोशल मीडिया पर उनके विरुद्ध एक मोर्चा खुल गया, तो जावेद अख्तर ने कहा कि उनकी बातों को गलत तरीके से लिया जा रहा है। वे सिर्फ महिलाओं के सम्मान की बात कर रहे थे। इधर, संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत को लेकर हिंसात्मक विरोध करने वाली राजस्थानी के राजपूती संगठन करणी सेना ने घूंघट को लेकर टिप्पणियों के लिए जावेद अख्तर से माफी की मांग की है।
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