नई दिल्ली। जाति-धर्म के नाम पर भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं की पार्टी पर कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर चिंता जताई कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीएसपी नेता मायावती के धार्मिक आधार पर वोट मांग रहे हैं। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से पूछा कि धार्मिक आधार पर वोटिंग का बयान देने वाली मायावती ने नोटिस का जवाब नहीं दिया। आपने क्या किया? तब निर्वाचन आयोग ने कहा कि हमारी शक्तियां सीमित हैं। उसके बाद कोर्ट ने इस मामले पर 16 अप्रैल को सुनवाई करने का आदेश दिया। कोर्ट ने 16 अप्रैल को आयोग के अधिकारी को मौजूद रहने का आदेश दिया।
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