कोच्चि। अमेरिका के ‘जनरल सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस’ (आम तरजीही प्रणाली) के तहत भारत को दी जाने वाली रियायतों को रद्द करने का फैसला, उस देश को होने वाले समुद्रीखाद्य पदार्थो (सी-फूड) के निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालेगा। इसकी वजह अधिक मांग वाले झींगा सहित अधिकांश समुद्री खाद्य उत्पादों को वहां के जीएसपी के तहत शून्य शुल्क लगता है। एक शीर्ष निर्यात विकास प्राधिकरण ने यह जानकारी दी है। समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकार (एमपीईडीए) के अध्यक्ष के एस श्रीनिवास ने कहा, “इस बात की व्यापक आशंका है कि अमेरिकी निर्णय से भारत से अमेरिका को होने वाले समुद्री खाद्य निर्यात प्रभावित होगा, जो देश हमारे समुद्री उत्पादों का प्रमुख आयातक है। लेकिन ऐसी कोई भी आशंका निराधार है।” श्रीनिवास ने एक विज्ञप्ति में कहा कि एमपीईडीए ने एक विस्तृत विश्लेषण किया और पाया कि सीफ़ूड निर्यात में जीएसपी के लाभ को वापस लेने के कारण तत्काल कोई अप्रत्याशित झटका नहीं लगेगा। भारत आमतौर पर अमेरिका को 230 करोड़ डॉलर के सी-फूड का निर्यात करता है, जिसमें जमे हुए झींगा निर्यात एक प्रमुख उत्पाद है। वर्ष 1974 में शुरू की गई जीएसपी योजना का उद्देश्य नामित लाभार्थी देशों के हजारों उत्पादों के लिए शुल्क मुक्त बाजार की सुविधा देकर विकासशील देशों को अपने निर्यात को बढ़ाने में सहायता करना है।
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