गुमला। सिसई के नगर सिसकारी गांव में चार वृद्धों की सामूहिक हत्या के 24 घंटे के अंदर पुलिस ने इसका खुलासा करते हुए घटना में संलिप्त आठ आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार होने वाले आरोपियों में सुकरा उरांव, कुंदरू उरांव, लालू उरांव, राम उरांव, शुकु उरांव, महाबीर उरांव, तुला उरांव और झाड़ी उरांव शमिल हैं।
उल्लेखनीय है कि 21 जुलाई की रात चापा भगत और उसकी पत्नी पीरी देवी, सुना उरांव और फगनी देवी की हत्या डायन-बिसाही अंधविश्वास को लेकर कर दी गई थी। इस सामूहिक नरसंहार की घटना ने न सिर्फ पुलिस प्रशासन बल्कि समस्त जिलावासियों को झकझोर कर रख दिया था।
इस संबंध में मृतक सुना उरांव की बेटी सिलवंती कुमारी ने 16 नामजद अभियुक्तों के खिलाफ सिसई थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। सोमवार को गुमला के पुलिस अधीक्षक अंजनी कुमार झा ने प्रेस कांफ्रेंस में सभी गिरफ्तार आठ आरोपियों को मीडिया के सामने प्रस्तुत करते हुए पुलिस की इस बड़ी कामयाबी की जानकारी दी।
चारों ओझा-गुनी का करते थे काम
उन्होंने बताया कि उनके नेतृत्व में नगर सिसकारी गांव में कैम्प करते हुए घटना की जांच शुरू की गई। इसी क्रम में ज्ञात हुआ कि चारों मृतक ओझा-गुनी का काम किया करते थे। करीब 15-20 दिन पहले गांव में बोलो उरांव नामक एक युवक की मौत किसी बीमारी की वजह से हो गई थी। उसकी मौत के बाबत कुछ दबंग लोगों ने यह अफवाह उड़ा दी कि सुना उरांव ने ही जादू-टोना कर बोलो उरांव को मरवा दिया। डायन-बिसाही के कारण ही गांव में संकट आया है। अंधविश्वास से ग्रसित गांव के लोगों ने गांव के पहान-पुजार के नेतृत्व में बैठक की। बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार इसके लिए एक अन्य भगताईन से संपर्क करके हवा फैला दी गई कि गांव के सुना उरांव, चापा उरांव, उसकी पत्नी पीरी उरांव व फगनी देवी जो गांव में झाड़-फूंक किया करते हैं, उनके द्वारा देवी स्थान पर बकरा चढ़ा दिया गया है। इसलिए पूरे गांव में संकट आया हुआ है।
20 जुलाई की रात गांव के कुछ लोगों ने इस अंधविश्वास का फायदा उठाते हुए बैठक की। बैठक के बाद इन चारों को घर से पकड़-पकड़कर अखरा के समीप ले जाकर लाठी-डंडे से बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। उन्होंने बताया कि शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई चल रही है। घटना में प्रयुक्त खून लगे लाठी-डंडे भी बरामद कर लिए गए हैं।
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