रांची । दलितों को सशक्त बनने के लिए खुद आगे बढ़ना होगा। इस समाज में भी उभरने की क्षमता है। ये बातें पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री रामचंद्र सहिस ने कहीं। सहिस सोमवार को आजसू पार्टी की सहयोगी इकाई झारखंड अनुसूचित जाति महासभा द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जो समाज जितना शिक्षित और संगठित है, वही उन्नत और सुरक्षित है।
सहिस ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर द्वारा प्रदत्त संवैधानिक उपाय से ही बराबरी या तरक्की का दर्जा नहीं पाया जा सकता, बल्कि हमें भी आगे आना होगा। बराबरी के लिए सामाजिक संघर्ष करना बेहतर होगा। यही संघर्ष और सामूहिकता हमें सम्मान दिलायेगा। इस अवसर पर झारखंड अनुसूचित जाति महासभा द्वारा रामचंद्र सहिस को सम्मानित किया गया।
सहिस ने महासभा के प्रति आभात प्रकट करते हुए कहा कि झारखंड में अनुसूचित जाति की समस्याओं और सोच का उन्हें पूरा ख्याल है। संसद, विधानसभा में इस वर्ग का प्रतिनिधित्व हो, इसके लिए सीटें सुरक्षित हैं। नौकरी और नामांकन के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है, लेकिन हमारी संख्या और हिस्सेदारी को लेकर बहस होती रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित, गांव, गरीब, किसान, पिछड़ों एवं आदिवासियों के उदय की परिकल्पना की थी। गांधी की उसी परिकल्पना पर आधारित मौजूदा दौर में अंत्योदय की बात होती है। दरअसल अनुसूचित जाति ही सामाजिक और वर्ण व्यवस्था में आईना है। लोकतंत्र में सत्ता का भाग जबतक सबको न मिले, तब तक सामूहिक बदलाव असंभव है।
सहिस ने कहा कि तमाम भेदभाव और उपेक्षा के बाद भी दलित समाज के लोगों ने शिक्षा, राजनीति, कृषि, खेलकूद, व्यापार के क्षेत्र में कामयाब हो सकते हैं। इस अवसर पर झारखंड प्रदेश महादलित परिसंघ के अध्यक्ष अशोक राम, चिन्नू राम, लखन हरि, रामजीत भूईया, उत्तम पासवान, अपरदीप राम, चुन्नू नायक, अर्जुन कालिंदी आदि उपस्थित थे।
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