अभियान चलाकर मजदूरों का रजिस्ट्रेशन करायें : रघुवर दास

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में असंगठित मजदूर कार्यरत हैं. सरकार उनके लिए कई योजनाएं भी चला रही है, लेकिन उन्हें इनकी जानकारी नहीं है. उनका रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण वे इनका लाभ भी नहीं ले पा रहे हैं. उनके जीवन में होनेवाली कठिनाईयों के लिए उनके पास कोई समुचित व्यवस्था नहीं है. अधिकारी सेवा भावना को अपना जुनून बनाएं. सरकार व विभाग ही उनकी आवाज हैं, उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाकर उनके जीवन में व्यापक बदलाव लाया जा सकता है. राज्य के सभी मजदूरों को इससे जोड़ें. उक्त बातें मुख्यमंत्री ने श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान दिया.
कई लाभों से जोड़ रही है सरकार

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार उन्हें बीमा, चिकित्सा सुविधा, छात्रवृत्ति लाभ, अंत्येष्टि सहायता समेत कई लाभ उपलब्ध करा रही है. निर्माण क्षेत्र से जुड़े मजदूरों को औजार, साइकिल, सेफ्टी किट आदि की सुविधा दे रही है. मिशन मोड में इन सभी का रजिस्ट्रेशन करायें. शहरी क्षेत्रों में रोजाना काम पर आनेवाले मजदूरों का ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन करायें. इनमें से किसी एक-दो को ग्रुप लीडर बना दें. उन्हें बाकी लोगों के रजिस्ट्रेशन के लिए फार्म दे दें. नये रजिशट्रेशन कराने की एवज उन्हें मानदेय दें. इससे बड़ी संख्या में मजदूर जुड़ सकेंगे. इसके लिए विशेष अभियान शुरू करें. उन्हें रजिस्ट्रेशन के लाभ बतायें. पथ व भवन निर्माण विभाग से भी कार्य की सूची लेकर उन स्थलों पर कैंप लगायें. शहर आकर काम करनेवाले मजदूरों के लिए बस सेवा शुरू करें. विभिन्न क्षेत्रों में श्रमिक शेड का निर्माण करें
हर जिले से 10-10 लोगों को बुलायें

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यभर से रिक्शा, ठेले-खोमचेवाले, सब्जी दुकानदारों आदि को सितंबर में रांची बुलायें. हर जिले से 10-10 लोगों को बुलायें. मुख्यमंत्री आवास में कार्यक्रम का आयोजन कर इन्हें सरकार द्वारा चलायी जा रही. इनके लाभ वाली योजनाओं की जानकारी दी जायेगी. साथ ही, उन सभी का रजिस्ट्रेशन् भी किया जायेगा. इन सभी को अपने अपने क्षेत्र में कार्यरत लोगों के रजिस्ट्रेशन का जिम्मा दिया जायेगा. इससे बड़ी संख्या में असंगठित मजदूरों को सरकारी योजनाओं के लाभ से जोड़ा जा सकेगा. उन्होंने मजदूरों की समस्या व समाधान के लिए एक प्रभावशाली टॉल फ्री नंबर चालू करने का निर्देश दिया.
राशि प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत् 3000 रुपये

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि मजदूरों के लिए पेंशन की राशि प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत् 3000 रुपये होगी. पहले 500 रुपये थी जिसे हमने बढ़ा कर 1000 रुपये किया था. मजूदरों की दुर्घटना में मृत्यु होने पर पांच लाख रुपये व सामान्य मृत्यु में एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है, लेकिन मजदूरों को इसकी जानकारी नहीं है, उन्हें इसके लिए जागरुक करें. सभी मजदूरों को आयुष्मान भारत से जोड़ा जायेगा. उनके गोल्डन कार्ड का खर्च भी सरकार वहन करेगी. 25 सितंबर के पहले सभी को गोल्डन कार्ड मिल जाये, इसे विभाग सुनिश्चित करे. मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न श्रम मेले से रोजगार के लिए चयनित होनेवालों की सुविधा पर भी विभाग ध्यान रखे. नियोक्ता ने जो वादा किया है, उस अनुसार मासिक तनख्वाह, कार्य स्थल, सुरक्षा, पीएफ आदि दे रहा है या नहीं, इस पर नजर रखें.
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना से राज्य के 1,17,875 मजदूर जोड़े गये

बैठक में विभाग के सचिव राजीव अरुण एक्का ने बताया कि झारखंड में निर्माण क्षेत्र में 2014 तक 3.59 लाख मजदूर ही निबंधित थे, जबकि चार सालों में 5.19 लाख मजदूरों का निबंधन किया गया. निर्माण क्षेत्र से जुड़े मजदूरों को विभिन्न योजनाओं से 188 करोड़ रुपये की योजनाओं का लाभ पहुंचाया गया है. इसमें श्रमिक औजार सहायता योजना से 1,56,270 मजदूरों को 36.70 करोड़, साइकिल सहायता योजना से 67,646 मजदूरों को 21.87 करोड़, मेधावी छात्रवृत्ति योजना से 62,601 मजदूरों को 16.45 करोड़, सेफ्टी किट योजना से 2,07,487 मजदूरों को 20.38 करोड़ रुपये तथा अन्य योजनाओं से 14,85,098 मजदूरों को 92.58 करोड़ रुपये का लाभ दिया गया है. निर्माण मजदूरों के लिए दुर्घटना मृत्यु के बाद आर्थिक सहायता को 75 हजार रुपये से बढ़ा कर पांच लाख रुपये व सामान्य मृत्यु में 30 हजार रुपये से एक लाख रुपये किया गया है. अभी राज्य में 13.03 लाख असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का निबंधन हो चुका है. 2,62,625 मजदूरों को 5.39 करोड़ रुपये की विभिन्न् योजनाओं का लाभ मिला है. प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना से राज्य के 1,17,875 मजदूर जोड़े जा चुके हैं.
ये रहे मौजूद

बैठक में अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव राजीव अरुण एक्का सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

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