रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि देश भर के 110 जिला आकांक्षी जिला हैं और झारखण्ड के 24 जिला में से 19 जिला इस श्रेणी में आते हैं।
दास ने यहां मंगलवार को पंचायती राज विभाग द्वारा आयोजित राज्य के सभी मुखिया के एक दिवसीय सम्मेलन और उन्मुखीकरण कार्यक्रम में कहा कि ऐसे में हमारी और आप की भूमिका बढ़ जाती है। ये आकांक्षी जिले आदिवासी बहुल गांव हैं। हमें मिलकर इन गांव को बदलना है। गांव, गरीब, आदिवासी, दलित, शोषित के जीवन मे बदलाव लाना है। और यह बदलाव जनप्रतिनिधि, अधिकारी, पदाधिकारी के आपसी समन्वय स्थापित कर जन सहयोग से लाना है। उन्होंने कहा कि राज्य के गांव तक शहर की सुविधा पहुंचे इस निमित स्ट्रीट लाइट, सोलर पावर से संचालित पानी टंकी जो 300 लोगों को शुद्ध जल उपलब्ध करा सके एवं गांव में पेभर ब्लॉक से सड़क का निर्माण करने की पहल शुरू कर मुझे खुशी है। मुखियागण 14वें वित्त आयोग की राशि का उपयोग इन कार्यों में करें। यह योजना आदिवासी, गैर आदिवासी , गैर दलित गांव में भी इन सुविधाओं की व्यवस्था मुखियागण करें। गांव गांव पानी पहुंचे इस लिए वित्तीय वर्ष 2019- 2020 में 1200 आदिवासी गांव में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 मार्च तक देश के घर घर तक बिजली पहुचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। राज्य सरकार ने मात्र 4 साल के कार्यकाल में 29 लाख घर तक बिजली पहुंचा दी है। 67 में मात्र 38 लाख घर तक बिजली थी 30 लाख घर बिजलीविहीन थे। जिसे हमने 4 साल में बिजली से आच्छादित किया। बचे हुए 1 लाख घर तक मार्च 2019 तक बिजली पहुंच जायेगी। 10 हजार घर और 247 गांव जो दुर्गम स्थान में बसे हैं वहां सोलर के माध्यम से बिजली पहुंचाई जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुखियागण अधिकार के साथ साथ अपना कर्तव्य निभाना होगा। आप स्वशासन के बुनियाद हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि हम जनप्रतिनिधि हैं। अब हमारा उत्तरदायित्व है कि जन कल्याण हेतु कार्य करें। यह बात समझनी है जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को भी की हम शासन करने नहीं सेवा करने आयें हैं। सेवक की भूमिका निभानी है। जिस अपेक्षा से आपको जनता ने चुना का उसका निर्वहन ईमानदारी से करें।
दास ने कहा कि झारखण्ड गांव में बसता है। किसानों के हित में केंद्र और राज्य सरकार ने निर्णय लिया। केंद्र सरकार की योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ 6 हजार रुपये प्रदान करेगी। वहीं राज्य सरकार मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत किसान भाई बहनों को प्रति एकड़ पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के दायरे में 5 एकड़ और एक एकड़ से कम जमीन के किसान आएंगे। उक्त अनुदान की राशि किसानों को खाद, बीज व अन्य कृषि कार्य हेतु उपयोगी चीज खरीद सकेंगे। यह किसानों की आय को दोगुना करने में सहायक होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज सचिव की निगरानी में 7 सदस्यों वाली एक कमिटी का गठन 15 दिनों के अंदर करें। उसके माध्यम से निलंबित मुखिया, वित्तीय गड़बड़ी करने वाले मुखिया या वित्तीय अधिकार से वंचित मामलों की समीक्षा विधि विभाग से समन्वय स्थापित कर करें। 1 सप्ताह के अंदर राज्य वित्त आयोग का अध्य्क्ष मनोनीत किया जाएगा। मुखियागण कि आय वृद्धि समेत अन्य मांगों पर अवश्य कार्य होगा।
ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि झारखण्ड का 90% गांव में बसता है। विकास के उद्देश्य को लेकर हम कार्य करते हैं। आज पंचायती राज विभाग के प्रतिनिधि मुखिया उपस्थित हैं, आप पर योजनाओं को गांव में धरातल पर उतारने की जिम्मेवारी है। जिस आशा और उम्मीद से आपका चुनाव हुआ है उस उम्मीद को आप पूरा करें। श्री मुंडा ने कहा कि सरकार की मंशा मुखिया का विरूद्ध कार्य करने की नहीं बल्कि गांव का विकास सरकार की मंशा है। मनरेगा के तहत 5 लाख तक कि प्रसासनिक स्वीकृत प्रदान करने की दिशा में कार्य होगा। आप संकल्प लें कि राज्य को विकसित राज्य की श्रेणी में लाने का कार्य करेंगे। अटल ग्राम उत्थान योजना को बजट में स्थान दिया गया है। हर पंचायत के एक गांव को विकसित करने का प्रयास किया जाएगा।
विकास आयुक्त डी के तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी का निदेश है कि मुखियाओं की परेशानियों को दूर किया जाए। आपको केंद्र और राज्य सरकार से संबंधित योजना की जानकारी देना है। गांव की सड़कों के किनारे पेवर ब्लॉक निर्माण की योजना है। आप अपने पैसे से ऐसा कर सकते हैं। शुद्ध पेयजल हेतु 14वे वित्त आयोग की राशि से 3 लाख 16 हजार राशि से सोलर के माध्यम से पानी टंकी की स्थापना करने की योजना पर कार्य कर सकते हैं, जिससे 300 लोग लाभान्वित होंगे। 1500 लीटर पानी आपूर्ति हो सकेगी। तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के निदेश पर पथ प्रकाश की व्यवस्था की जाये। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि किसानों को प्रशिक्षण मिले ताकि आप शक्तिशाली बनें। मुखिया के सम्मान और गरिमा को बनाये रखना है।कृषि सचिव पूजा सिंघल ने कहा कि 17 फरवरी को प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना व मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना शुरू होगी। प्रति वर्ष मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत 1 से 5 एकड़ तक के किसानों को 5 हजार रुपये दिया जाएगा। प्रधानमंत्री सम्मान योजना के तहत लघु और सीमांत किसानों को दिया जाएगा। राज्य के 50 लाख किसानों को जानकारी दी गई है। सभी जगह रैयत समन्वय समिति का गठन किया गया है। प्रधानमंत्री सम्मान योजना के तहत सपथ प्रपत्र किसान दें। केंद्र सरकार आपको भुगतान करेगी।कार्यक्रम में बुंडू पंचायत, प्रखंड पेटरवार जिला बोकारो के मुखिया अजय कुमार सिंह, दुलमी पंचायत , रामगढ़ की मुखिया देवंती देवी, दुंदुनगिया पंचायत, धनबाद के मुखिया विकास महतो ने अपने विचारों को रखा।
इस अवसर पर प्रधान सचिव ग्रामीण विकास अविनाश कुमार, कृषि सचिव श्रीम पूजा सिंघल, मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी, उपायुक्त रांची रे महिमापत राय, वरीय आरक्षी अधीक्षक श्री अनीश गुप्ता व विभिन्न प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी, मुखियागण उपस्थित थे।
दास ने यहां मंगलवार को पंचायती राज विभाग द्वारा आयोजित राज्य के सभी मुखिया के एक दिवसीय सम्मेलन और उन्मुखीकरण कार्यक्रम में कहा कि ऐसे में हमारी और आप की भूमिका बढ़ जाती है। ये आकांक्षी जिले आदिवासी बहुल गांव हैं। हमें मिलकर इन गांव को बदलना है। गांव, गरीब, आदिवासी, दलित, शोषित के जीवन मे बदलाव लाना है। और यह बदलाव जनप्रतिनिधि, अधिकारी, पदाधिकारी के आपसी समन्वय स्थापित कर जन सहयोग से लाना है। उन्होंने कहा कि राज्य के गांव तक शहर की सुविधा पहुंचे इस निमित स्ट्रीट लाइट, सोलर पावर से संचालित पानी टंकी जो 300 लोगों को शुद्ध जल उपलब्ध करा सके एवं गांव में पेभर ब्लॉक से सड़क का निर्माण करने की पहल शुरू कर मुझे खुशी है। मुखियागण 14वें वित्त आयोग की राशि का उपयोग इन कार्यों में करें। यह योजना आदिवासी, गैर आदिवासी , गैर दलित गांव में भी इन सुविधाओं की व्यवस्था मुखियागण करें। गांव गांव पानी पहुंचे इस लिए वित्तीय वर्ष 2019- 2020 में 1200 आदिवासी गांव में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 मार्च तक देश के घर घर तक बिजली पहुचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। राज्य सरकार ने मात्र 4 साल के कार्यकाल में 29 लाख घर तक बिजली पहुंचा दी है। 67 में मात्र 38 लाख घर तक बिजली थी 30 लाख घर बिजलीविहीन थे। जिसे हमने 4 साल में बिजली से आच्छादित किया। बचे हुए 1 लाख घर तक मार्च 2019 तक बिजली पहुंच जायेगी। 10 हजार घर और 247 गांव जो दुर्गम स्थान में बसे हैं वहां सोलर के माध्यम से बिजली पहुंचाई जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुखियागण अधिकार के साथ साथ अपना कर्तव्य निभाना होगा। आप स्वशासन के बुनियाद हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि हम जनप्रतिनिधि हैं। अब हमारा उत्तरदायित्व है कि जन कल्याण हेतु कार्य करें। यह बात समझनी है जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को भी की हम शासन करने नहीं सेवा करने आयें हैं। सेवक की भूमिका निभानी है। जिस अपेक्षा से आपको जनता ने चुना का उसका निर्वहन ईमानदारी से करें।
दास ने कहा कि झारखण्ड गांव में बसता है। किसानों के हित में केंद्र और राज्य सरकार ने निर्णय लिया। केंद्र सरकार की योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ 6 हजार रुपये प्रदान करेगी। वहीं राज्य सरकार मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत किसान भाई बहनों को प्रति एकड़ पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के दायरे में 5 एकड़ और एक एकड़ से कम जमीन के किसान आएंगे। उक्त अनुदान की राशि किसानों को खाद, बीज व अन्य कृषि कार्य हेतु उपयोगी चीज खरीद सकेंगे। यह किसानों की आय को दोगुना करने में सहायक होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज सचिव की निगरानी में 7 सदस्यों वाली एक कमिटी का गठन 15 दिनों के अंदर करें। उसके माध्यम से निलंबित मुखिया, वित्तीय गड़बड़ी करने वाले मुखिया या वित्तीय अधिकार से वंचित मामलों की समीक्षा विधि विभाग से समन्वय स्थापित कर करें। 1 सप्ताह के अंदर राज्य वित्त आयोग का अध्य्क्ष मनोनीत किया जाएगा। मुखियागण कि आय वृद्धि समेत अन्य मांगों पर अवश्य कार्य होगा।
ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि झारखण्ड का 90% गांव में बसता है। विकास के उद्देश्य को लेकर हम कार्य करते हैं। आज पंचायती राज विभाग के प्रतिनिधि मुखिया उपस्थित हैं, आप पर योजनाओं को गांव में धरातल पर उतारने की जिम्मेवारी है। जिस आशा और उम्मीद से आपका चुनाव हुआ है उस उम्मीद को आप पूरा करें। श्री मुंडा ने कहा कि सरकार की मंशा मुखिया का विरूद्ध कार्य करने की नहीं बल्कि गांव का विकास सरकार की मंशा है। मनरेगा के तहत 5 लाख तक कि प्रसासनिक स्वीकृत प्रदान करने की दिशा में कार्य होगा। आप संकल्प लें कि राज्य को विकसित राज्य की श्रेणी में लाने का कार्य करेंगे। अटल ग्राम उत्थान योजना को बजट में स्थान दिया गया है। हर पंचायत के एक गांव को विकसित करने का प्रयास किया जाएगा।
विकास आयुक्त डी के तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी का निदेश है कि मुखियाओं की परेशानियों को दूर किया जाए। आपको केंद्र और राज्य सरकार से संबंधित योजना की जानकारी देना है। गांव की सड़कों के किनारे पेवर ब्लॉक निर्माण की योजना है। आप अपने पैसे से ऐसा कर सकते हैं। शुद्ध पेयजल हेतु 14वे वित्त आयोग की राशि से 3 लाख 16 हजार राशि से सोलर के माध्यम से पानी टंकी की स्थापना करने की योजना पर कार्य कर सकते हैं, जिससे 300 लोग लाभान्वित होंगे। 1500 लीटर पानी आपूर्ति हो सकेगी। तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के निदेश पर पथ प्रकाश की व्यवस्था की जाये। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि किसानों को प्रशिक्षण मिले ताकि आप शक्तिशाली बनें। मुखिया के सम्मान और गरिमा को बनाये रखना है।कृषि सचिव पूजा सिंघल ने कहा कि 17 फरवरी को प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना व मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना शुरू होगी। प्रति वर्ष मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत 1 से 5 एकड़ तक के किसानों को 5 हजार रुपये दिया जाएगा। प्रधानमंत्री सम्मान योजना के तहत लघु और सीमांत किसानों को दिया जाएगा। राज्य के 50 लाख किसानों को जानकारी दी गई है। सभी जगह रैयत समन्वय समिति का गठन किया गया है। प्रधानमंत्री सम्मान योजना के तहत सपथ प्रपत्र किसान दें। केंद्र सरकार आपको भुगतान करेगी।कार्यक्रम में बुंडू पंचायत, प्रखंड पेटरवार जिला बोकारो के मुखिया अजय कुमार सिंह, दुलमी पंचायत , रामगढ़ की मुखिया देवंती देवी, दुंदुनगिया पंचायत, धनबाद के मुखिया विकास महतो ने अपने विचारों को रखा।
इस अवसर पर प्रधान सचिव ग्रामीण विकास अविनाश कुमार, कृषि सचिव श्रीम पूजा सिंघल, मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी, उपायुक्त रांची रे महिमापत राय, वरीय आरक्षी अधीक्षक श्री अनीश गुप्ता व विभिन्न प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी, मुखियागण उपस्थित थे।
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