असंगठित विरोधियों के लिए झारखंड में खिलते “कमल” को रोक पाना मुश्किल

-मुरली मनोहर श्रीवास्तव- सरयू राय के बढ़ते तल्ख तेवर से झारखंड की राजनीति में रोज-ब-रोज नया मोड़ आने लगा है और वो भी झारखंड के मुखिया को उनके ही मंत्री चैलेंज कर मैदान में मात देने की चुनौती दे रहे हैं। वहीं भाजपा केंद्रीय और राज्य स्तरीय प्रबंधन ने सरयू राय को नोटिस करना छोड़ दिया है। मुख्यमंत्री रघुबर दास अपनी सियासी दांव में सफल माने जा सकते हैं क्योंकि इन्होंने अपने पांच साल के झारखंड में पूरा कर एक नया कीर्तिमान स्थापित तो किया ही है, सबको मिलाकर चलने…

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संकीर्णता : अब भाषा पर चढ़ा धर्म का रंग?

-निर्मल रानी- भारत वर्ष की गिनती दुनिया के उन गिने चुने देशों में सर्वोच्च स्थान पर होती है जो अपनी ‘विभिन्नता में एकता’ के लिए जाने जाते हैं। यह विभिन्नता केवल धर्म की ही नहीं बल्कि रंग, सम्प्रदाय, जाति, भाषा, संस्कृति, रहन सहन, खान-पान, पहनावा, यहाँ तक कि क्षेत्रों के अनुसार अलग अलग आराध्यों व देवी देवताओं की भी है। प्रत्येक भारतीय व्यक्ति इन विभिन्नता का आनंद लेता है और भारतीयता के सूत्र में इन सभी विभिन्नताओं को पिरोए हुए है। इस हद तक कि कभी मुसलमान समाज से आने…

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अब राज्य सभा के मार्शल्स की वर्दी पर रार!

-लिमटी खरे- उच्च सदन यानी राज्य सभा में अधिकारियों की मदद के लिए तैनात मार्शल्स के गणवेश को बदलने के साथ ही इस पर रार भी आरंभ हो गई है। राज्य सभा के 250वें सत्र के साथ ही मार्शल्स के गणवेश को भी बदल दिया गया है। मार्शल्स का गणवेश राज्य सभा सांसदों के साथ विचार विमर्श के उपरांत बदलने का निर्णय लिया गया है तो इसमें आपत्ति की कोई बात नहीं है, किन्तु जिस तरह से राज्य सभा के सभापित के द्वारा मार्शल्स के गणवेश को बदलने को लेकर…

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इमरान मियां! कश्मीर में मुसलमानों की छोड़िए, चीन की चिंता कीजिए

-प्रभुनाथ शुक्ल- पाकिस्तान दुनिया में मुस्लिम हिमायती होने का दंभ भरता है। लेकिन आंखमूंद पर चीन पर भरोसा करने वाला पाकिस्तान चीन में अल्पसंख्यक समुदाय पर होने वाले दमन पर मुंहबंद रखता है। इमरान मियां अल्पसंख्यकों पर यह दोगलीनीति क्यों अपनाते हैं। इससे यह साबित होता है कि पाकिस्तान का मुस्लिम प्रेम सिर्फ दिखावा है। वह केवल भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने के लिए कश्मीर में मुस्लिमों के दमन की दुहाई देता है। जबकि शिंझियांग और शिकियांग में उइगर और वीगर समुदाय के मुसलमानों के जो हालात हैं वह किसी…

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अर्थव्यवस्था में संशय

-पीके खुराना- हर देश में हर समय कोई न कोई व्यक्ति ऐसा होता है जिसे उसके आसपास के लोग सनकी मान लेते हैं, ये ऐसे लोग होते हैं जो कहीं न कहीं परपंरागत दृष्टिकोण से परे हट कर सोचते हैं, यथास्थिति से समझौता नहीं कर पाते। ये विद्रोही स्वभाव के लोग समाज में हलचल मचा देते हैं, कइयों को परेशान कर देते हैं क्योंकि वे चीजों को नए नजरिए से देखते हैं। वे तत्कालीन नियमों से सहमत नहीं होते और बदलाव की आंधी बन जाते हैं। यह तो संभव है…

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सरकार पर चर्चा का सच

महाराष्ट्र में सरकार बनाने या प्रस्तावित गठबंधन के समीकरण एकदम घूम गए हैं। शरद पवार ऐसी सियासत के माहिर खिलाड़ी रहे हैं। वह एक पत्ता चलकर आक्रामक होते हैं और कोई पहल करते हैं, लेकिन फिर अचानक ही यू-टर्न कर लेते हैं। दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के बीच दूसरी उच्चस्तरीय बैठक हुई, लेकिन अपने आवास पर मीडिया को पवार ने खुलासा किया कि महाराष्ट्र में न तो किसी सरकार के गठन को लेकर और न ही साझा न्यूनतम कार्यक्रम के मसविदे पर सोनिया…

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राज्य की देखरेख में बनेगा रामजन्मभूमि मंदिर

-राम पुनियानी- देश को सन् 1991 के उस कानून का सख्ती से पालन करना चाहिए जिसके अनुसार, धार्मिक स्थलों के मामले में 15 अगस्त 1947 की यथास्थिति बनाए रखी जाएगी। बाबरी मस्जिद को गिराते समय संघ परिवार का नारा था ‘यह तो केवल झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है।’ इस नारे को हमेशा के लिए द$फन कर दिया जाना चाहिए। भाजपा को काशी और मथुरा का मुद्दा उठाने की बात करने वाले विनय कटियार जैसे लोगों से किनारा कर लेना चाहिए। तभी हम देश को उस तरह के रक्तपात और तनाव…

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झारखंड में कुर्सी रेस

-नवेंदु उन्मेष- झारखंड में कुर्सी रेस चल रही है। इस रेस में शामिल होने के लिए टिकट प्राप्त करना जरूरी है। बगैर टिकट प्राप्त किए कोई भी नेता या व्यक्ति रेस में शामिल नहीं हो सकता। टिकट किसी भी तरह मिले। कोई भी दल दे। कोई भी दल टूटे या फूटे इससे किसी को कोई मतलब नहीं है। कुर्सी रेस में शामिल होना है तो टिकट चाहिए। एक नेता लंबे समय तक कांग्रेस में रहे। कांग्रेस ने विधायक बनाया, मंत्री बनाया। जब तक कांग्रेस के अच्छे दिन थे, वे कांग्रेस…

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नोटबंदी से लेकर आर्थिक मंदी तक का सफर

-लिमटी खरे- 2016 में 08 नवंबर को 500 एवं 1000 रूपए के चलन में आने वाले नोट बंद कर दिए गए थे। केंद्र की मोदी सरकार के इस फैसले से देश भर में हड़कंप मच गया था। यद्यपि भाजपा के नेताओं के द्वारा नोटबंदी को उचित ठहराते हुए केंद्र के फैसले को उचित ठहराया फिर भी नोटबंदी के जो फायदे उस वक्त गिनाए गए थे, वे फायदे आज कहीं भी आकार लेते नहीं दिख रहे हैं। दूसरी ओर नोटबंदी जैसे जनता से सीधे जुड़े मामले को विपक्ष में बैठी कांग्र्रेस…

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झारखंड चुनाव पर बड़ा सवाल, कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन पहुंचेगा विधानसभा?

-मुरली मनोहर श्रीवास्तव- अपराध जिनकी फितरत में शामिल हो, जिसने कई घरों में तबाही और खौफ पैदाकर अपने अपराध के तमगे में वृद्धि किया करता था वो राजनीति में आकर पवित्र गीता को साक्षी मानकर आम जन मानस की सेवा करने की शपथ लेगा! हम, बात कर रहे हैं इस बार झारखंड के नक्सली कुंदन पाहन की। जिसके नाम से लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते थे, वो किस मुंह से उन परिवारों के सामने उनकी सेवा के लिए सत्ता की गलियारे में दशतक देने के लिए झोली फैलाएगा। आखिर…

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