15 वर्षों से पार्टी की सेवा कर रहे मेहुल प्रसाद ने छात्र संगठन (student body) से लेकर युवा कांग्रेस (youth congress) तक के चुनाव में हिस्सा लिया और जीत सुनिश्चित की। मेहुल प्रसाद किसी भी संगठनात्मक चुनाव में आज तक नही हारे हैं ये एक तरह का उनका राजनीतिक रिकॉर्ड है। इस बारे में पूछे जाने पर वो बताते हैं कि उन्हें अपने मेहनत, और बनाये गए चुनावी समीकरण पर पूरा भरोसा रहता है। एक अच्छे टीम वर्क से इस बार भी उनकी टीम ने शहरी से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के विधानसभा में अपना दबदबा कायम रखा है। इस चुनाव में उनकी टीम ने रांची, सिल्ली, ईचागढ़ जैसे महत्वपूर्ण विधानसभा में अपने जीत का परचम लहराया है। साथ ही हटिया विधानसभा में भी अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज की है।
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मेहुल प्रसाद टीम की इस बार जीत इसलिए भी बड़ी है क्योंकि पिछले 5 वर्षों से वो सक्रिय राजनीति से दूर थे उनके टीम का कोई भी सदस्य सक्रिय राजनीति में नही था नए चेहरों के साथ चुनावी रणनीति बनाना मुश्किल था इस चुनाव में कांग्रेस के कई नेता, मंत्रियों ने अपने समर्थित उम्मीदवार उतार रखे थे, पर मेहुल प्रसाद ने अपने टीम को एक सूत्र में पिरो कर अपने सभी उम्मीदवारों को जीत की दहलीज पार करवाई । अपनी जमीनी ताकत को साबित करने के लिए उन्होंने अपने अलावा अपने ही पद पर अपने टीम से 2 महिला उम्मीदवार भी उतारा था और दोनों उम्मीदवारों को समीकरण के तहत वोट दिलाकर जीत दिलाई। उन्होंने आश्वस्त किया कि 3 वर्षों के कार्यकाल में संगठन की मजबूती के लिए हर सक्षम प्रयास करेंगे।
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उनके टीम में मुख्य रूप से प्रियंका वर्मन, शिल्पी कुमारी वर्मा, अंकित सिंह, गौरव सिंह, अंशु तिवारी, विकास रजक, उपेंद्र गिरी, रोहित कुमार, अंशुलक दास, शंकर टुडू ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
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