देश को दंगों की आग में झोंकने का षड्यंत्र है मॉब लिंचिंग का दुष्प्रचार : विहिप


नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कथित मॉब लिंचिंग की घटनाओं के दुष्प्रचार की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि भीड़ द्वारा हिंसा की कुछ झूठी घटनाओं को प्रचारित कर एक कथित पत्रकार लॉबी, सेक्युलर गैंग तथा जिहादी तत्व देश को दंगों की आग में झोंकने का षड्यंत्र रच रहे हैं।

विहिप के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र जैन ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि पिछले दिनों जिस प्रकार कथित मॉब लिंचिंग की घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर प्रचारित किया गया, उससे यह प्रतीत होता है कि खान मार्केट गैंग के पत्रकार व सेक्युलर माफिया के राजनीतिज्ञ मुस्लिम समाज को भड़का कर उन्हें हिंदू समाज पर हमले के लिए उकसा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि झारखंड की घटना में यह स्पष्ट हो गया कि तबरेज अंसारी की मृत्यु पिटाई से नहीं हुई थी। इसके बावजूद इस घटना को आधार बनाकर सूरत, रांची, भोपाल आदि कई शहरों में मुस्लिम समाज ने उग्र प्रदर्शन कर देश विरोधी व हिंदू विरोधी नारे लगाए तथा सुरक्षा बलों पर हमले किए। चावड़ी बाजार (दिल्ली), मुजफ्फरनगर, अटाली (हरियाणा), सहित कई स्थानों पर मंदिरों पर हमले करके मूर्तियों को अपमानित किया गया जो बेहद शर्मनाक और शांति प्रिय हिंदू समाज को उकसाने वाली कार्रवाई है। 

डॉ जैन ने कहा कि झूठी घटनाओं का प्रचार करके हिंदू समाज व हिंदू संगठनों को जिस प्रकार बदनाम किया जा रहा है, उससे यह लगता है कि यह अभियान राजनीति से प्रेरित है। गुरुग्राम, बेगूसराय करीमनगर, दिल्ली, कूचबिहार, कानपुर में यह प्रचारित किया गया कि जय श्रीराम नहीं कहने पर मुस्लिम युवकों की पिटाई की गई। यह घटना असत्य सिद्ध होने पर भी इस दुष्प्रचार का स्पष्टीकरण नहीं देने से उक्त लोगों के इरादे साफ हो जाते हैं। 

विहिप ने कश्मीर में हिंदुओं के नरसंहार, आगरा के गौ रक्षक अरुण माहौर की निर्मम हत्या, दिल्ली में अपनी बेटी की इज्जत बचाने का प्रयास करने वाले ध्रुव त्यागी की सरेआम हत्या के अलावा राष्ट्रीय राजधानी के ही अंकित सक्सेना की गला रेतकर चौराहे पर की गई हत्या का उदहारण देते हुए सवाल किया कि क्या यह मॉब लिंचिंग की घटनाएं नहीं थीं।

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