आयुष्मान भारत से 50 हजार लोगों ने दूसरे राज्यों में कराया बेहतर उपचार : मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना ‘आयुष्मान भारत’ की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान लगभग 50 हजार लाभार्थियों ने अपने गृह राज्यों के बाहर इसका लाभ उठाया है।

मोदी ने मंगलवार को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) का एक साल पूरा होने के मौके पर विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आयुष्मान भारत से देश की स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव आया है तथा देश के किसी भी राज्य में रहना वाला व्यक्ति कहीं भी उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा हासिल कर सकता है। इस मौके पर उन्होंने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना के लाभार्थियों की मदद के लिए पीएम-जेय ऐप भी लॉन्च किया। इसके अलावा उन्होंने पांच रुपये मूल्य का स्मारक डाक डिकट भी जारी किया।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हालिया बयान का उल्लेख नहीं किया लेकिन देश के किसी भी भाग में रहने वाले व्यक्ति को किसी भी अन्य भाग में चिकित्सा सेवा हासिल करने के अधिकार की बात की। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति खुशी से अपने घर से दूर जाकर इलाज नहीं कराना चाहता। असल में वह ऐसा कदम बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में मजबूरी में उठाता है। आयुष्मान भारत देश के किसी भी हिस्से में मरीजों को बेहतर इलाज सुनिश्चित करती है। इसलिए देश के करीब 50 हजार लाभार्थियों ने बेहतर इलाज के लिए अपने राज्य के बाहर इस योजना का लाभ लिया है। उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने हाल में कहा था कि बिहार एवं अन्य राज्यों के लोग दिल्ली में आकर मुफ्त इलाज कराते हैं जिससे यहां के अस्पतालों पर बोझ पढ़ता है।  

मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत से देश में स्वास्थ्य सेवाओं की मांग में बढ़ोतरी हो रही है। अब वो मरीब भी अस्पताल पहुंच रहा है जो पहले इजाल के बारे में सोचता तक नहीं था। आज इस योजना का लाभ देने वाले में 18 हजार अस्पतालों में से करीब 10 हजार निजी अस्पताल हैं। उन्होंने कहा कि देश के 46 लाख गरीब लोगों में बीमारी की निराशा से स्वस्थ होने की आशा जगाना बहुत बड़ी सिद्धि है। इस एक वर्ष में किसी एक व्यक्ति की जमीन, घर, गहने या कोई अन्य सामान बिकने से बचा है तो ये आयुष्मान भारत की बहुत बड़ी सफलता है। पीएम-जेएवाई अब गरीबों की जय बन गई है। जब गरीब का बच्चा या घर का एक मात्र कमाने वाला स्वस्थ होकर निकलता है तो आयुष्मान होने का अर्थ समझ आता है।

मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत का ये पहला वर्ष संकल्प, समर्पण और सीख का रहा है। ये भारत की संकल्प शक्ति ही है कि दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ केयर स्कीम हम भारत में सफलता के साथ चला रहे है। इस सफलता के पीछे समर्पण की भावना है। ये समर्पण देश के हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश का है।

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