जनवरी माह में देश में चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन

नई दिल्ली। इस वर्ष 31 जनवरी तक देश की 514 चीनी मिलों ने 185.19 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, जो पिछले सीजन में 504 मिलों द्वारा उत्पादित 171.23 लाख टन की तुलना में कहीं ज्यादा है। पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक उत्पादन हुआ क्योंकि मिलों ने पिछले सीजन की तुलना में इस साल की शुरुआत में ही पेराई शुरू कर दी थी। गन्ने की पैदावार, रिकवरी और आहरण की प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए, इथेनॉल के लिए डायवर्जन को देखते हुए, इस वर्ष चीनी उत्पादन लगभग 307 लाख टन होने का अनुमान है। यह पिछले सीजन में लगभग 325 लाख टन चीनी उत्पादन से 5-6प्रतिसत कम होगा। यह जानकारी इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन(इस्मा) ने दी। चीनी उत्पादन का राज्यवार ब्यौरा देते हुुए इस्मा प्रवक्ता ने बताया कि महाराष्ट्र में जनवरी तक चीनी का उत्पादन 70.70 लाख टन था, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 63.08 लाख टन उत्पादन हुआ था। महाराष्ट्र में वर्तमान में 191 चीनी मिलें चल रही हैं, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 182 मिलें संचालित हुई थीं। इसी तरह उत्तरप्रदेश में 117 चीनी मिलें चालू हैं और उन्होंने 31 जनवरी 2019 तक 53.36 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, जबकि पिछले वर्ष 119 मिलों द्वारा उत्पादित 53.98 लाख टन का उत्पादन हुआ था। इस सीजन में चीनी की रिकवरी पिछले साल की तुलना में 0.81 फीसदी अधिक है। कर्नाटक के मामले में, 31 जनवरी,2019 तक 65 चीनी मिलों ने 33.40 लाख टन का उत्पादन किया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 58 चीनी मिलों द्वारा 26.78 लाख टन उत्पादन किया गया था। इसी क्रम में तमिलनाडु में 29 चीनी मिलों ने अब तक अपने पेराई कार्यों की शुरुआत की और उन्होंने 3.10 लाख टन चीनी का उत्पादन किया, जबकि 2017-18 में 30 चीनी मिलों द्वारा 2.12 लाख टन उत्पादन किया गया। गुजरात में 16 चीनी मिलों के साथ 6.50 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। पिछले साल, 17 चीनी मिलें चालू थीं और उन्होंने जनवरी 2018 तक 6.07 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 24 चीनी मिलों ने 31 जनवरी 2019 को 3.70 लाख टन का उत्पादन किया है, जबकि पिछले सीजन में इन मिलों द्वारा उत्पादन 3.80 लाख टन था।बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में, 31 जनवरी 2019 तक चीनी का उत्पादन क्रमशः 4.08 लाख टन, 1.75 लाख टन, 2.90 लाख टन, 2.90 लाख टन और 2.60 लाख टन रहा।

This post has already been read 5990 times!

Sharing this

Related posts