आजकल आपके पैसों, मोबाइल और यहां तक कि बैंक अकाउंट को बचाने के लिए जो एक चीज काम में आती है, वो है अकाउंट का पासवर्ड। इसीलिए इसके बहुत गुप्त होने पर जोर दिया जाता है। पासवर्ड ऐसा हो जिसे कोई जान ना पाए और अनुमान भी ना लगा सके, लेकिन फिर भी हैकर्स को कैसे पता लगता है आपका पासवर्ड, आईये जानते हैं…
बेकार पासवर्ड: यदि आप काफी साधारण पासवर्ड लगाएंगे जिसे जान पाना हैकर्स के बाएं हाथ का खेल हो, तो यह गलत है। आपका पासवर्ड काफी लंबा, मुश्किल और विभिन्न चिन्हों के इस्तेमाल से बना होना चाहिये, जिसे भांप पाने के चक्कर में हैकर्स के पसीने छूट जाएं।
आ गए हैं हैकिंग डिवाइस: आज मार्केट में ऐसे कई डिवाइस है जिन्हें आपके कम्प्यूटर या लैपटॉप के पास रखकर या उसमें फिट कर के आपके गुप्त डेटा को हैक किया जा सकता है। ऐसे में यदि आपके फोन में एंटी वायरस या मालवेयर प्रोटेक्ट करने का सॉफ्टवेयर है तो आप बच सकते हैं।
फिशिंग तकनीक से बचें: आपका पासवर्ड या डेटा तब भी हैक होता है जब आप किसी गैरजिम्मेदार से अपनी निजी जानकारी बांटते हैं। यूजर को फांसने के लिए एक फिशिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें ई-मेल या अन्य तरीकों से एक लिंक भेजा जाता है। यदि आप उस लिंक को ओपन कर लें तो आपका डेटा अपने आप हैक हो जाता है।
एनएफसी ऑप्शन से भी बचें: यदि आपके स्मार्टफोन में एनएफसी कनेक्टिविटी फीचर मौजूद है तो उसका इस्तेमाल काफी सावधानी से करें। कई बार आपके आसपास ऐसा कनेक्शन मौजूद होता है जो आपके एनएफसी कनेक्शन से जुड़कर आपके फोन डेटा को चोरी कर सकता है।
जब चोरी हो जाए सिस्टम या डिवाइस: ऐसा कई बार होता है कि आपका सिस्टम या फोन चोरी हो जाता है जिसका फायदा कुशल हैकर्स उठाते हैं। यदि आप अपने डेटा को चोरी होने से बचाना चाहते हैं तो आपके कम्प्यूटर सिस्टम में अलार्म तकनीक एवं सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें जिसका तोड़ ढूंढना हैकर्स के लिए नामुमकिन हो जाए।
This post has already been read 26744 times!