नई दिल्ली । शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस ने रविवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि उनके पास महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत है और अगर देवेंद्र फडणवीस के पास बहुमत है तो उन्हें सदन में संख्याबल साबित करना चाहिए। तीनों दलों ने यह भी कहा कि यह लोकतंत्र के साथ ‘धोखा और उसकी हत्या’ ही है कि जब राकांपा के 41 विधायक भाजपा के साथ नहीं है, उसके बाद भी सरकार बनाने की मंजूरी दे दी गई। न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ के समक्ष गठबंधन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, ‘‘यदि फडणवीस के पास संख्या बल है, तो उन्हें सदन के पटल पर यह साबित करने दें, अन्यथा महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए हमारे पास संख्या बल है।
वरिष्ठ वकील ए एम सिंघवी ने शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की ओर से पेश होते हुए कहा कि शरद पवार के साथ राकांपा के 41 विधायक हैं। सिंघवी ने पीठ को बताया कि राकांपा के कुल विधायकों की संख्या 54 है और 41 विधायकों ने महाराष्ट्र के राज्यपाल को लिखा है कि अजित पवार को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया गया है। सिब्बल ने कहा कि राज्यपाल ने सत्तारूढ़ पार्टी को बहुमत साबित करने के लिए 30 नवंबर तक का जो समय दिया है, उसका मतलब ‘‘कुछ और’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘ यह लोकतंत्र के साथ पूरी तरह से ‘धोखा और उसकी हत्या’ है कि सरकार बनाने की मंजूरी तब दे दी गई जब राकांपा के 41 विधायक उनके साथ नहीं हैं।’’ वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी कुछ भाजपा और निर्दलीय विधायकों की ओर से न्यायालय में पेश हुए।
उन्होंने कहा कि यह याचिका बंबई उच्च न्यायालय में दायर होनी चाहिए। वहीं शीर्ष अदालत ने कहा कि इसमें दो राय नहीं है कि शक्ति परीक्षण बहुमत साबित करने का सबसे अच्छा तरीका है। रोहतगी ने कहा कि कैसे कोई राजनीतिक पार्टी मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के लिए अनुच्छेद 32 के तहत न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकती है। सिंघवी ने इस दौरान उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार की बर्खास्तगी जैसे मामलों का हवाला देते हुए कहा कि सदन में शक्ति परीक्षण ही सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने कर्नाटक मामले में न्यायालय के 2018 के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि शक्ति परीक्षण का आदेश दिया गया था और कोई गुप्त मतदान नहीं हुआ था। रोहतगी ने राकांपा की याचिका का विरोध किया। रोहतगी ने पीठ से कहा, ‘‘ तीनों पार्टियों को समय दिया गया था लेकिन उन्होंने सरकार नहीं बनाई, इसलिए फडणवीस को बहुमत साबित करने दें क्योंकि कोई जल्दबाजी नहीं है।’’
This post has already been read 7043 times!