नई दिल्ली । गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में कोलकाता पुलिस द्वारा सीबीआई टीम के साथ किए गए व्यवहार पर गहरी चिंता जताई है । उन्होंने कहा कि एक कानून का पालन कराने वाली एजेंसी को उसके काम से रोकना दुर्भाग्यपूर्ण तथा संघीय व राजनीतिक क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा है। लोकसभा में सोमवार को राजनाथ के वक्तव्य के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी और शोर शराबा कर रहे थे। शून्यकाल में तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत रॉय ने यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि यह ‘खतरनाक’ स्थिति पैदा करने वाला है, जिसके ‘गंभीर परिणाम’ आगे आ सकते हैं।
गृहमंत्री ने कहा कि जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं धरने पर बैठ जाएंगी तो राज्य की स्थिति में ‘घोर अव्यवस्था’ फैल जाएगी। उन्होंने सीबीआई और राज्य पुलिस के बीच तनाव को अप्रत्याशित बताया । उन्होंने कहा कि वह संघीय ढांचे में राज्य के पुलिस एवं व्यवस्था से जुड़े अधिकारों का सम्मान करते हैं लेकिन राज्य सरकार की अनुमति या फिर हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जांच की जा सकती है। जैसे हालात राज्य में उपजे हैं वह ‘संवैधानिक व्यवस्था’ के टूटने की ओर इशारा कर रहे हैं।
राजनाथ ने कहा कि इस संबंध में राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से उन्होंने पहले ही बातचीत कर ली है। उन्होंने आगे मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ बैठक भी की है। सिंह ने कहा कि राज्यपाल से पूरे घटनाक्रम पर रिपोर्ट भी मांगी गई है। उन्होंने कहा कि सीबीआई के अधिकारियों को उनका दायित्व निभाने से रोका गया। यह अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 2014 से चले आ रहे शारदा चिटफंड घोटाले की जांच कर रहे थे। इस घोटाले के चलते पश्चिम बंगाल के लाखों लोगों को तकलीफ उठानी पड़ी है। पुलिस कमिश्नर को इस संबंध में कई बार समन भेजा गया। वह कभी प्रस्तुत नहीं हुए।
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