पोषण गान से राष्ट्रीय पोषण मिशन को मिलेगा बल, कोने कोने तक पहुंचेगा संदेश : उपराष्ट्रपति

नई दिल्ली। कुपोषण, एनीमिया और बच्चों के कम वजन की समस्या से निपटने के उद्देश्य से शुरू की गई राष्ट्रीय पोषण मिशन योजना का अब एक गाने के जरिए प्रचार व प्रसार किया जाएगा। मंगलवार को केन्द्रीय महिला व बाल विकास मंत्रालय द्वारा तैयार पोषण गान को राजधानी में आयोजित एक समारोह में रिलीज किया गया। लेखक प्रसून जोशी के बोल और शंकर महादेवन के संगीत से तैयार गीत को मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने जारी किया। इस मौके पर महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, राज्यमंत्री देबाश्री चौधरी, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, सचिव रविन्द्र पवार भी मौजूद थे।

इस मौके पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि लोगों के साथ के बिना कोई भी योजना सफल नहीं हो सकती, लिहाजा यह गान लोगों में उत्साह भरेगा और वे जागरूक होंगे, जिससे वे इस योजना का लाभ उठाने के लिए आगे आएंगे। इस गाने से पोषण का संदेश देश के कोने कोने तक पहुंचेगा। महिला व बाल विकास मंत्री के इस अलग सोच की तरीफ करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह गान सभी प्रादेशिक भाषाओं में भी तैयार किया जाना चाहिए ताकि लोग इसके सही अर्थ को ठीक तरह से समझ सकें और इसे गुनगुना सके। उन्होंने आगे कहा कि देश में करीब 10 लाख से भी ज्यादा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं, जिनके कंधों पर कुपोषण को दूर करने की जिम्मेदारी है और यह गाना इस कदम में उनके लिए सहायक होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस गाने और जिम्मेदार लोगों के कदमों से देश 2022 तक कुपोषण मुक्त हो जाएगा।

राष्ट्रीय पोषण गान के पंक्तियां कुपोषण, स्वच्छ भारत, स्वच्छ पानी, किशोरियों और महिलाओं में एनीमिया जैसे मुद्दों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। पोषण जन आंदोलन को गति देने के लिए मंत्रालय ने इस पर एंथम तैयार करने की सोची। यह योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मार्च 2018 में लॉन्च की थी। इस योजना को सफल बनाने के लिए मंत्रालय ने आंगनबाड़ी सेवाओं के साथ प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, जननी सुरक्षा योजना, स्वास्थ्य मंत्रालय की राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, जल शक्ति मंत्रालय की स्वच्छ भारत योजना सहित अन्य योजनाओं में समन्वय स्थापित किया है, जिससे योजना को बल मिल सकें।

पोषण गान-

पोषणम….पोषणम.. देश उम्मीद से है करो पोषणम… कोख से जागता है भारत का कल,

अन्नप्राषण करो, स्वस्थ्य बचपन करो, मां का संसार हो, दूध सा प्यार हो

आशावाला नया एक जीवन करो,

खोल के आंखे, खोल कर सपने खड़े सामने, सारे सपने मिलकर करो पोषणम.. देश उम्मीद से है करो पोषणम…

नन्हीं हथेलियों में आकाश है, पंख बेताब है, उनमें विश्वास है

मुस्कुराती बेटियां कह रहीं, देखों मंजिल का रस्ता यहीं पास है

कर रहा मिलकर देश सारे जतन, सारे जतन….

पोषणम पोषणम….देश उम्मीद से है करो पोषणम..

ध्यान मां का रखे, जन्म वो है सफल, बात छोटी सी है पर बड़ा है यह हल

स्वच्छ संसार में गूंजे किलकारियां, स्वच्छ जल में नहाएगा भारत का कल

एक संकल्प लेकर चले आज हम… पोषणम पोषणम 

पोषणम पोषणम….देश उम्मीद से है करो पोषणम

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