हाईस्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति का मामला ध्यानाकर्षण समिति को

रांची। झारखंड विधानसभा में मंगलवार को हाईस्कूल शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया पर सवाल उठा। सदन में प्रश्नोत्तरकाल के दौरान पक्ष- विपक्ष के सदस्यों द्वारा उठाये गये सवाल पर सरकार के जवाब से पक्ष-विपक्ष के सदस्य संतुष्ट नहीं थे। विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने इस मामले को ध्यानाकर्षण समिति को सौंपने निर्देश देते हुए कहा कि सात फरवरी को एक बजे दिन में ध्यानाकर्षण समिति की बैठक में इस मुद्दे पर निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि समिति की बैठक की अध्यक्षता वे स्वयं करेंगे और इसमें प्रश्नकर्ता आलमगीर आलम को भी शामिल किया जायेगा। कांग्रेस के आलमगीर आलम ने अल्पसूचित    प्रश्न के    माध्यम से हाईस्कूल शिक्षकों की रिक्तियों में 25 प्रतिशत पद प्राथमिक शिक्षकों से भरे जाने में नियुक्ति नियमावली का पालन नहीं करने पर आपत्ति जताई  । शिक्षामंत्री नीरा   यादव ने अपने उत्तर में कहा कि राज्य के सभी जिलों में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद मामले की समीक्षा कर 25 प्रतिशत शिक्षकों के पद भरे जाएंगे        । उन्होंने कहा कि झारखंड सरकारी माध्यमिक विद्यालय शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी नियुक्ति एवं सेवा शर्त नियमावली 2015 में प्रावधान किया गया है कि प्रारंभिक विद्यालयों के लिए 25 प्रतिशत आरक्षित सीट खाली रहने पर उन खाली सीटों को वर्त्तमान बहाली से सीधी भर्त्ती के अभ्यर्थियों से भरा जाएगा। विभाग शिक्षकों की कमी को दूर करने को लेकर लगातार प्रयासरत है, विभाग की ओर से जिलावार समीक्षा की जा रही है। शिक्षकों की कमी को दूर करने को लेकर जो भी संभव हो, उसे किया जाएगा और विभाग की ओर से इसकी व्यवस्था की जाएगी।
लेकिन पक्ष- विपक्ष के सदस्यों प्रदीप यादव, राधा कृष्ण किशोर, अनंत ओझा, स्टीफन मरांडी, नवीन जयसवाल और इरफान अंसारी समेत अन्य सदस्यों ने आपत्ति जताई। शिक्षा विभाग के विज्ञापन में 25 प्रतिशत सीटें प्राथमिक शिक्षकों से भरे जाने का उल्लेख नहीं किए जाने पर पक्ष- विपक्ष के सदस्यों ने आशंका जताई। प्रदीप यादव ने कहा कि जब यह नियुक्ति जिलावार होने वाली है तो फिर सभी जिलों के परीक्षाफल के प्रकाशन का इंतजार क्यों किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संथाल    परगना के सभी जिलों    के परीक्षाफल का प्रकाशन कर दिया गया है इसलिए इन जिलों में जो योग्यता में अभ्यर्थी आ रहे हैं उनकी नियुक्ति 25 प्रतिशत सीट में से की जाये। राधाकृष्ण किशोर ने भी इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि नियुक्ति नियमावली के अनुसार विज्ञापन निकालने की जिम्मेवारी सरकार की है। इस सवाल पर पक्ष-विपक्ष    के कई सदस्यों के    असंतोष को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने इसे ध्यानाकर्षण समिति को सौंप दिया।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के चंपई सोरेन के तारांकित प्रश्न पर प्रभारी खनन मंत्री सीपी सिंह के जवाब के दौरान सदन में धार्मिक आस्थाओं से जुड़ी भूमि का खनन पट्टा दिये जाने पर विपक्षी सदस्यों ने आपत्ति जताई। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने इस मामले की जांच विभागीय सचिव से कराने और       जांच होने तक खनन कार्य को स्थगित करने का निर्देश दिया।
चंपई सोरेन ने बताया कि सरायकेला-खरसावां जिले में राजनगर- सरायकेला प्रखंड के कटंगा पंचायत अंतर्गत बाना पहाड़ के करीब 12 एकड़ भूमि पर धोलाडीह, छोटाबाना तथा बड़ाखाना के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति के लोग धार्मिक आस्थाओं का अनुष्ठान सदियों से करते आ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस पहाड़ी पर खनन लीज के लिए बिचौलिए द्वारा फर्जी ग्रामसभा के कागजात लगाकर लीज प्राप्त कर लिया गया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के दीपक बिरूआ ने   बताया कि संविधान विशेषज्ञ  और लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ. सुभाष कश्यप ने रांची स्थित रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण   शोक संस्थान की        ओर से 9 नवंबर 2018 को आर्यभट्ट सभागार में आयोजित व्याख्यान में कहा कि शिड्यूल एरिया में नन ट्राइबल और कॉरपोरेट घराने को खनन का अधिकार नहीं दिया जा सकता है। क्षेत्र में खनन करना है तो सरकार  खुद या फिर ट्राइबल की सोसाइटी बनाकर काम कर सकती है।
नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने ग्रामसभा से इस खनन कार्य को लेकर प्राप्त स्वीकृत पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि सभी प्रक्रिया नियमानुसार पूरी की गयी है और   सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ काम कर रही है। इस मामले में आसन का जो भी आदेश होगा, उसका पालन किया जाएगा। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले की जांच की जिम्मेवारी विभागीय सचिव को सौंपने का नियमन दिया।
प्रश्नोत्तर काल के दौरान आजसू पार्टी के राजकिशोर महतो के एक प्रश्न के उत्तर में शिक्षा मंत्री डॉ. नीरा यादव ने बताया कि राजकीय पॉलिटेक्निक टुंडी की स्थापना को लेकर विभाग द्वारा फिर से भूमि का निरीक्षण करा लिया जाएगा।
मानव संसाधन विकास मंत्री नीरा यादव ने बताया कि धनबाद में दस एकड़ गैर आबाद भूमि श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग को राजकीय पॉलिटेक्निक की स्थापना के लिए 17 जनवरी 2017 को स्थानांतरित कर दिया गया है लेकिन अभीतक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि टुंडी के करमाटांड़ मौजा के खाता संख्या 47 से ही पांच एकड़ गैर आबाद भूमि डिग्री स्तरीय महाविद्यालय टुंडी की स्थापना के लिए स्थानांतरित कर दिया    गया है,     जिस पर अभीतक   कोई निर्माण कार्य नहीं शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि टुंडी में प्राप्त भूमि का विभागीय पदाधिकारी द्वारा निरीक्षण के बाद पॉलिटेक्निक के निर्माण के लिए योग्य नहीं पाया गया। यादव ने बताया कि एआईसीटीई के मापदंड के अनुसार पॉलिटेक्निक स्थापना के लिए बाजार की सुविधा, मुख्य सड़क से 20 फीट चौड़ी सड़क समेत अन्य शर्तों को पूरा करना जरूरी है लेकिन निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि उक्त भूमि पर बड़ा नाला है। लेकिन राजकिशोर महतो ने इस दावे को खारिज किया, जिसके बाद मंत्री ने पुनः निरीक्षण कराने और फोटोग्राफ भी उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया।

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