बेबी ऑक्टोपस के अंग बगैर निशान छोडे हो जाते हैं गायब…

इन्हें जाना जाता है कॉलिकर के अंगों के रूप में

वॉशिंगटन। बेबी ऑक्टोपस के कई अंग बगैर कोई निशान छोडें कभी भी गायब हो जाते है उसके लिए ऐसा करना बहुत आसान है। यह समुद्री जीव पैदा होने से पहले भ्रूण में ही सैकड़ों अस्थायी, सूक्ष्म संरचनाओं को विकसित करता है। इन्हें कॉलिकर के अंगों के रूप में जाना जाता है।

और पढ़ें : प्रेग्‍नेंसी में नाइट शिफ्ट में काम करने के ये हैं नुकसान…

एक रिपोर्ट के अनुसार, ये छोटे अंग ऑक्टोपस के शरीर की हर सतह को कवर करते हैं। कभी-कभी ये त्वचा के ऊपर बने छोटी पैकेट के अंदर भी छिप जाते हैं या उल्टे छाते की तरह फैलते हैं। एक बार उल्टा होने के बाद हर अंग तेजी से विकसित होता है और बेबी ऑक्टोपस की स्किन की रक्षा करता है। स्पैनिश नेशनल रिसर्च काउंसिल (सीएसआईसी) में इंस्टिट्यूट डी सिएन्सीज़ डेल मार के एक शोधकर्ता रोजर विलानुएवा ने बताया कि ये अंग जब आंशिक रूप से उल्टा होते हैं तो किसी झाड़ू की तरह दिखते हैं।

Pintrest

पूरी तरह उल्टा होने के बाद यह काटों में पैदा होने वाले गोल भूए की तरह नजर आते हैं। जीवविज्ञानी दशकों से इन सूक्ष्म फूलों के अंगों के बारे में जानते हैं – लेकिन कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं कह सकता है कि वे किस लिए हैं। वैज्ञानिक यह भी नहीं जानते कि यह भ्रूण ऑक्टोपस जवान होने के बाद इन अंगों को क्यों खो देता है। अब, विलानुएवा और उनके सहयोगियों ने बेबी ऑक्टोपस के शरीर से गायब होने वाले अंगों को लेकर अपनी शोध को तेज किया है। एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने लाइट-शीट माइक्रोस्कोपी नामक तकनीक का उपयोग करके भ्रूण ऑक्टोपस की 17 प्रजातियों की जांच की।

इसे भी देखें : सेंटाविटा हॉस्पिटल पर परिजनों ने लगया इलाज पर लापरवाही का आरोप

अध्ययन की गई 17 प्रजातियों में से 15 में कॉलिकर के अंगों नजर आए। जिन दो ऑक्टोपस में ये अंग नहीं दिखे वे होलोबेन्थिक ऑक्टोपस थे। जिसका अर्थ है कि वे अपेक्षाकृत बड़े पैदा हुए हैं और अपना पूरा जीवन गहरे समुद्र में बिताते हैं। लगभग सभी 15 प्रजातियां जिनके पास केओ था, वे प्लैंकटोनिक पैदा होती हैं। इसका मतलब है कि पैदा होते समय उनका आकार बहुत छोटा होता है। वे पानी में ऊपर तैरते हैं और बड़े होने के बाद ही गहराई के इलाकों में जाते हैं। मालूम हो ‎कि मानव शरीर में कई ऐसे आंतरिक अंग होते हैं जो पूरे जीवन में बढ़ते और बदलते रहते हैं। इनमें से शायद ही कोई ऐसा अंग हो जो बिना किसी निशान के कभी गायब हो सके।

This post has already been read 12597 times!

Sharing this

Related posts